भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज कहा कि प्रदेश में सिंचाई का रकबा बढाने के साथ-साथ मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना, लाड़ली लक्ष्मी योजना और मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना शासन की सबसे बडी उपलब्धियां रही हैं, जबकि स्वास्थ्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में कुछ कसर रह गयी है। मुख्यमंत्री के रूप में 12 साल पूरे होने पर चौहान ने ‘पीटीआई-भाषा’ से खास बातचीत में यहां कहा, ‘‘प्रमुख क्षेत्रों में सिंचाई का रकबा बढ़ाना है और भावनात्मक रूप में देखें तो तीन बातें कहूंगा, जिनमें मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना, लाड़ली लक्ष्मी योजना और मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना है।’ एक सवाल के उत्तर में उन्होंने कहा, ‘कसर अगर रही तो मैं कहना चाहूंगा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में और शिक्षा के क्षेत्र में अभी काम करने की गुंजाइश बहुत है। दोनों में परिणाम भी देर से आते हैं।’ चौहान ने बताया, ‘……मध्यप्रदेश में डाक्टर की भारी कमी रही। इसलिए सात नये मेडिकल कालेज खोलने का फैसला सरकार ने लिया।’ उन्होंने बताया कि इसके अलावा चिकित्सकों के वेतन बढाने से लेकर राज्य बीमारी सहायता कोष, सरकारी अस्पतालों में दवाइयों की सुविधा, डाइलिसिस की व्यवस्था भी की हैं, लेकिन स्वास्थ्य से जुड़े काम करना बाकी है।उन्होंने कहा, ‘जब मैं मुख्यमंत्री बना था तब मध्यप्रदेश में शिक्षा पूरी तरह से चौपट हो गई थी, क्योंकि 500 रूपये तनख्वाह देकर शिक्षाकर्मी रख दिये गये थे। उन्हीं का भविष्य निश्चित नहीं था, तो वे बच्चों का भविष्य क्या बनाते।’ चौहान ने बताया, ‘हमने इसे सुधारा। अब इनकी तनख्वाह 30 हजार से 35 हजार रूपये है। स्कूल की इमारतें भी बन रही हैं।’ उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना में सरकार एक रूपये किलोग्राम गेहूं एवं चावल गरीबों को उपलब्ध कराती है।
चौहान ने बताया, ‘‘पिछले साल बनाई गयी मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना के तहत 12वीं बोर्ड में 75 प्रतिशत अंक लाने वाले बच्चों की मेडिकल एवं इंजीनियरिंग कालेजों में प्रवेश लेने पर उनकी पूरी फीस सरकार भरेगी।’’ उन्होंने कहा, ‘मुझे बच्चों की चिट्ठियां मिलती थी। धन के अभाव में आगे पढ़ने में बेबसी जाहिर करते थे। यह सभी जाति के बच्चों के लिए है। इससे उनकी उच्च शिक्षा की पढाई नहीं रूकेगी। वह मेरे दिल को जो सकुन देती है। वह अद्भुत है।’ चौहान ने कहा कि पिछले 12 साल में मध्यप्रदेश को बीमारू राज्य की श्रेणी से बाहर निकला गया है। मध्यप्रदेश में जीडीपी को दो अंकों में ले आये हैं। प्रदेश में पिछले पांच साल से लगातार कृषि विकास दर 20 प्रतिशत है। दुनिया में पहला उदाहरण होगा, जब कृषि के क्षेत्र में लगातार 20 से अधिक बरकरार है। मतलब है कि पांच साल में दुगुना उत्पादन हो गया। चौहान ने बताया, ‘मध्यप्रदेश में सबसे बड़ी क्रांति हुई है तो पानी के क्षेत्र में हुई है।……सिंचाई का रकबा साढे़ सात लाख हेक्टेयर से बढाकर पिछले 12 साल में 40 लाख हेक्टेयर हो गया और अब हम पांच लाख हेक्टेयर हर साल बढ़ा रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि नर्मदा के पानी को गंभीर नदी में, फिर कालीसिंध और पार्वती सहित अन्य नदियों में लेकर जायेंगे। सिंचाई के परिणाम स्वरूप किसानों का उत्पादन लगातार तेजी से बढ़ा है, जो पांच साल में दोगुना हो गया। उन्होंने कहा, ‘इन प्रयासों से मध्यप्रदेश का बजट 21 हजार करोड़ से बढकर एक लाख 80 हजार करोड़ रूपये हो गया है। इसमें सबसे बड़ी भूमिका खेती ने की है, जो सिंचाई के कारण रही।….इसमें आधारभूत क्षेत्रों बिजली, पानी एवं सड़क में काफी विकास हुआ है।’’ चौहान ने बताया, ‘हमने कृषि, निवेश एवं पर्यटन सहित हर क्षेत्र में विकास किया है। भारत सरकार से मध्यप्रदेश को लगातार तीन साल ‘बेस्ट टूरिज्म स्टेट अवार्ड’ का दर्जा मिला है।’ इसके अलावा, उन्होंने कहा कि ग्रामीण एवं शहरी विकास हुआ है। गांवों से सड़क संपर्क और चौबीस घंटे बिजली उपलब्ध कराई। मुख्यमंत्री पेयजल योजना एवं हाट बाजार सहित सारी सुविधाएं गावों को उपलब्ध कराई।