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मुंबई : देश में समाचार पत्रों का बाजार अभी भी वृद्धि कर रहा है जो कई वैश्विक रुखों के विपरीत है। पिछले चार साल में देश में समाचार पत्रों के 11.2 करोड़ नए पाठक जुड़े हैं। इस प्रकार कुल पाठकों की संख्या 40.7 करोड़ हो गई है। इतना ही नहीं देश के सबसे ज्यादा पढ़े जाने वाल शीर्ष 10 समाचार पत्रों में एक भी अंग्रेजी भाषा का नहीं है। यह सभी जानकारी इंडियन रीडरशिप सर्वे-2017 की नवीनतम रपट में सामने आयी है। यह सर्वेक्षण देश के समाचारपत्रों की पठनीयता के आधिकारिक आंकड़े एकत्र करता है। सर्वेक्षण के मुताबिक पाठकों की संख्या में इजाफा मुख्यत: हिंदी अखबारों की वजह से हुआ है। इनके पाठकों की संख्या 45% बढ़कर 17.6 करोड़ हो गई है। इसी के चलते शीर्ष 10 की सूची से अंग्रेजी अखबार भी बाहर हो गए हैं। अंग्रेजी अखबार के पाठकों की संख्या में 10% वृद्धि हुई और यह 2.8 करोड़ हो गई है।

यह सभी आंकड़े चार साल बाद आए हैं क्योंकि पिछली सर्वेक्षण रपट जनवरी 2014 में जारी हुई थी। उस रपट के हिसाब से देश में समाचार पत्र इत्यादि के कुल 29.5 करोड़ पाठक थे। हिंदी का दैनिक जागरण 7,03,77,000 पाठकों के साथ देश का पहला समाचार पत्र बना है जबकि अंग्रेजी का टाइम्स ऑफ इंडिया अंग्रेजी का सबसे ज्यादा पढ़ा जाने वाला अखबार है लेकिन यह 1,30,47,000 पाठकों के साथ 11वें स्थान पर है। सूची में क्षेत्रीय भाषाओं के अखबारों ने भी स्थान बनाया है। तमिल भाषा का डेली थांती पांचवे स्थान पर, मराठी का लोकमत छठे स्थान पर, मलयालम भाषी मलायला मनोरमा सातवें स्थान पर और तेलुगू का इनाडु नौवें स्थान पर है।

सूची में हिंदुस्तान दूसरे पर, अमर उजाला तीसरे पर, दैनिक भास्कर चौथे पर, राजस्थान पत्रिका आठवें पर और प्रभात खबर दसवें पर है।यह सर्वेक्षण रीडरशिप स्टडीज काउंसिल ऑफ इंडिया करती है। इसका गठन मीडिया रिसर्च यूजर्स काउंसिल और ऑडिट ब्यूरो ऑफ सर्कुलेशन ने संयुक्त तौर पर किया है।

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