नयी दिल्ली। गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने कांग्रेस नेता अहमद पटेल से राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने की मांग करते हुए आज आरोप लगाया कि हाल ही में गिरफ्तार किया गया आतंकी संगठन आईएसआईएस का एक संदिग्ध सदस्य उस अस्पताल में काम करता था, जहां पटेल पहले एक ट्रस्टी थे। पटेल ने आरोप को ‘‘पूरी तरह बेबुनियाद’’ बताकर खारिज कर दिया और भाजपा से राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दों का राजनीतिकरण ना करने तथा गुजरात के शांति प्रिय लोगों को नहीं बांटने की अपील की। आरोपों का जवाब देते हुए पटेल ने ट्वीट किया, ‘‘मेरी पार्टी और मैंने दो आतंकवादियों को पकड़ने की एटीएस की कोशिश की सराहना की है। मैं उनके खिलाफ सख्त और तीव्र कार्रवाई की मांग करता हूं। भाजपा द्वारा लगाए गए आरोप पूरी तरह से बेबुनियाद हैं।’’ उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा , ‘‘हम अनुरोध करते हैं कि चुनाव को देखते हुए राष्ट्रीय सुरक्षा के विषयों को राजनीतिक रंग नहीं दिया जाए। आतंकवाद का मुकाबला करने के दौरान शांति प्रिय गुजरातियों को नहीं बांटिए।’’ केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने भी कहा कि कांग्रेस को ‘‘स्पष्टीकरण देना चाहिए कि एक आतंकवादी इतने लंबे समय से वहां कैसे काम कर रहा था।’’ गुजरात आतंक निरोधक दस्ता (एटीएस) ने दो दिन पहले दो संदिग्ध आईएसआईएस सदस्यों को गिरफ्तार किया था। प्राथमिकी के मुताबिक उनमें से एक आरोपी कासिम स्टिम्बरवाला पूर्व में भरूच जिले के अंकलेश्वर में स्थित सरदार पटेल अस्पताल में एक तकनीशियन के तौर पर काम करता था।
रूपाणी ने गांधीनगर में कहा कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और पटेल को देश को स्पष्टीकरण देना चाहिए क्योंकि यह मामला राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा है। मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया, ‘‘यह एक गंभीर मुद्दा है क्योंकि एक आतंकी को उस अस्पताल से गिरफ्तार किया गया, जिसका संचालन पटेल कर रहे हैं। यह अब पता चला है कि हालांकि पटेल ने उस अस्पताल के ट्रस्टी के पद से 2014 में इस्तीफा दे दिया था लेकिन अब भी वह अस्पताल मामलों के प्रमुख हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘सोचिए क्या होता अगर ये दोनों आतंकी गिरफ्तार नहीं होते…. पटेल, राहुल गांधी और कांग्रेस को मुद्दे पर पाक साफ होना चाहिए। हम यह भी चाहते हैं कि पटेल राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा दें।’’ रूपाणी ने कहा, ‘‘इस बात का अब खुलासा हुआ है कि कासिम ने गिरफ्तारी से महज दो दिन पहले इस्तीफा दिया था। इससे कई सवाल उठते हैं। पटेल को यह स्पष्ट करना चाहिए कि इस तरह के व्यक्ति को उनके अस्पताल में नौकरी कैसे मिली और उसने अपनी गिरफ्तारी से कुछ ही दिन पहले इस्तीफा क्यों दिया।’’