-सीएम अशोक गहलोत द्वारा उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को लेकर दिया गया बयान अब तूल पकड़ता जा रहा हैं।
जयपुर. सीएम अशोक गहलोत द्वारा उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को लेकर दिया गया बयान अब तूल पकड़ता जा रहा हैं। सीएम अशोक गहलोत के बयान पर पलटवार करते हुए नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि अपनी हार से डरे हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत संवैधानिक प्रमुख पर जिस तरह की टिप्पणी कर रहे है। यह उन्हें शोभा नहीं देता हैं। राठौड़ ने कहा कि क्या मुख्यमंत्री गहलोत राष्ट्रपति, उप राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के राजस्थान आने पर वीज़ा सिस्टम लागू कर रहे हैं। सीएम अशोक गहलोत को उप राष्ट्रपति पर दिए गए अपने बयान को वापस लेना चाहिए। उन्होने कहा कि सीएम अशोक गहलोत के लिए बयान वापस लेना कोई बड़ी बात नहीं है। उन्होंने कुछ दिन पहले ज्यूडिशियरी को लेकर बयान दिया था। फिर बाद में अपना बयान वापस ले लिया था। राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि गैर संसदीय काम करना सीएम अशोक गहलोत की फितरत में रहा है। वे प्रभारी रंधावा को किस हैसियत से कोटा लेकर गए थे। वे रंधावा को किस हैसियत से उद्घाटनों में लेकर जाते हैं। आचार संहिता लगने के बाद भी उप राष्ट्रपति और राष्ट्रपति के दौरे हो सकते है। उनके सरकारी कार्यक्रम कभी भी बन सकते है। सीएम अशोक गहलोत अपना बयान वापस ले। वरना हम उन पर वैधानिक कार्रवाई करेंगे। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दो दिन पहले जयपुर और गुरुवार को अलवर में उप राष्ट्रपति को लेकर बयान दिया था। गहलोत ने कहा था कि केंद्र का कोई भी नेता यहां आए, मुझे कोई दिक्कत नहीं है। उपराष्ट्रपति को नहीं भेजें! क्योंकि उपराष्ट्रपति का पद संवैधानिक होता है। उपराष्ट्रपति और राष्ट्रपति का हम सम्मान करते हैं। उन्होंने कहा था कि अब कल (27 सितंबर बुधवार) को उपराष्ट्रपति आए और एक साथ पांच जिलों का दौरा किया, क्या तुक है? यह चुनाव का माहौल है। उपराष्ट्रपति के दौरे पर सवाल करते हुए बोले एक जमाना था? जब राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और गवर्नर जब राज्य में आते थे तो मुख्यमंत्री से पूछा करते थे कि हम आए या न आए। यह प्रोग्राम किस स्तर का है। हमारे लेवल का है या नहीं। लेकिन यह सिस्टम खत्म कर दिया।
– वसुंधरा गुट के देवी सिंह भाटी की भाजपा में वापसी
लंबे समय बाद आखिरकार वसुंधरा गुट के नेता देवी सिंह भाटी की आज बीजेपी में वापसी हो गई। रात 10 बजे भाटी, श्रवण कुमार चौधरी, भागचंद सैनी, बीएल रिणवां भाजपा में शामिल हुए। बीजेपी प्रदेश कार्यालय में प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी, नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, प्रभारी अरूण सिंह और प्रदेश चुनाव प्रभारी प्रह्लाद जोशी ने पार्टी जॉइन कराई। इस मौके पर भाटी ने कहा कि 5 साल बाद मेरी भाजपा में वापसी हुई है। पार्टी ने मुझे गले लगाया है। किन्हीं परिस्थितियों के चलते कुछ बिंदुओं पर मैं अलग हो गया था। मेरी वरिष्ठ पदाधिकारियों से चर्चा हुई। जो भी गिले शिकवे थे, वो दूर हो गए हैं। केंद्री मंत्री अर्जुनराम मेघवाल से भी मेरी बात हो गई है। हम दोनों संतुष्ट हैं। हम मिलकर 2023 में भाजपा की सरकार बनाएंगे। भाटी के साथ ही पार्टी जॉइन करने वालों में भागचंद सैनी बांदीकुई से भाजपा के प्रत्याशी रहे हैं। सीएलसी कोचिंग के डायरेक्टर श्रवण चौधरी और सीकर के गेटवैल हॉस्पिटल के डॉ बीएल रिणवां ने भी भाजपा का दामन थामा। देवी सिंह भाटी ने साल 2019 के लोकसभा चुनावों में बीकानेर से अर्जुनराम मेघवाल को प्रत्याशी बनाए जाने से नाराज होकर पार्टी छोड़ दी थी। जिसके बाद उन्होंने खुलकर मेघवाल के खिलाफ प्रचार भी किया था। लंबे समय से उनके फिर से पार्टी में लौटने की चर्चा चल रही थी। आखिरकार आज देवी सिंह भाटी की घर वापसी हो गई। देवी सिंह भाटी साल 1980 में कोलायत विधानसभा क्षेत्र से पहली बार विधायक चुने गए थे। उसके बाद से वे 2008 तक लगातार इस सीट से विधायक चुनकर आए थे। 2013 में वे चुनाव हार गए थे। 2018 में बीजेपी ने उनकी पुत्रवधू पूनम कंवर को टिकट दिया था, लेकिन वो भी कांग्रेस के प्रत्याशी भंवर सिंह भाटी से चुनाव हार गई थी। इसी चुनाव में देवी सिंह भाटी ने केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल पर आरोप लगाया था कि उन्होंने उनकी पुत्रवधू के खिलाफ कैंपन करके चुनाव हरवाया है। देवी सिंह भाटी पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के कट्टर समर्थक माने जाते हैं।
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