जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि मुल्क में प्रेम, भाईचारा एवं सद्भाव कायम करने के लिए आज गांधी जी के विचारों को नई पीढ़ी तक पहुंचाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का प्रयास है कि गांधी दर्शन एवं गांधी जी की शिक्षाओं का प्रचार-प्रसार जिला, ब्लॉक एवं गांव के स्तर तक हो।
गहलोत रविवार को सेन्ट्रल पार्क स्थित कनक भवन में आयोजित गांधी दर्शन प्रशिक्षण शिविर में प्रशिक्षणार्थियों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि गांधी दर्शन को युवाओं तक पहुंचाने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने प्रदेश में अलग से शांति एवं अहिंसा निदेशालय की स्थापना की है। राजस्थान पहला राज्य है जिसने गांधी जी के विचारों को आमजन तक पहुंचाने के लिए अलग से निदेशालय बनाया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गांधीजी की शिक्षाओं को आत्मसात करते हुए प्रशासन एवं सामाजिक कार्यां में अपनी भूमिका निभाने के लिए युवाओं को तैयार करने के उद्देश्य से मुम्बई के टाटा इन्स्टीट्यूट ऑफ सोशल साइन्सेज तथा पुणे स्थित इन्स्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एण्ड स्कूल ऑफ गवर्नेंस जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों की तर्ज पर प्रदेश में महात्मा गांधी इंस्टिट्यूट ऑफ गवर्नेंस एण्ड सोशल साइंसेज की स्थापना की गई है। यहां गांधीजी से जुड़े शोध कार्य होंगे। उन्होंने गांधी जी के विचारों के प्रचार-प्रसार की दिशा में गांधी दर्शन समिति द्वारा किये जा रहे प्रयासों की भी सराहना की।
कार्यक्रम में पूर्व शिक्षा राज्य मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा, महात्मा गांधी इंस्टिट्यूट ऑफ गवर्नेंस एण्ड सोशल साइंसेज के निदेशक प्रो. बीएम शर्मा, शांति एवं अहिंसा निदेशालय के निदेशक मनीष शर्मा, समग्र सेवा संघ के अध्यक्ष सवाई सिंह, गांधी स्मारक निधि के सदस्य धर्मवीर कटेवा, वर्धा आश्रम से आए मुख्य प्रशिक्षक मनोज नागरे एवं आयोजन समिति के सदस्य उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने सेन्ट्रल पार्क में बन रहे गांधी दर्शन म्यूजियम के कार्यों का भी अवलोकन किया। उन्होंने निर्माण कार्य समयबद्ध रूप से पूरे करने के निर्देश दिए। जयपुर विकास प्राधिकरण के आयुक्त गौरव गोयल ने साइट प्लान के बारे में जानकारी दी। गहलोत ने वहां मौजूद कामगारों से बातचीत की और उन्हें मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के फायदों के बारे में जानकारी दी।

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