-जनप्रहरी एक्सप्रेस
जयपुर। राज्यपाल कलराज मिश्र बुधवार को एक दिवसीय दौरे पर झुंझुनूं जिले के मंडावा कस्बे में आए। यहां पर उन्होंने श्री सनातन धर्म पंचायत सीनियर सैकेंडरी स्कूल के शताब्दी समारोह में शिरकत की। इस दौरान राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि शिक्षा के साथ-साथ खेल को बढ़ावा देना जरूरी है, जिससे छात्रों का शारीरिक व मानसिक विकास हो सके। उन्होंने कहा कि व्यक्ति के आत्मविश्वास को जाग्रत करने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाना ही सही शिक्षा है। इस दौरान उन्होंने कहा कि तुम जैसा सोचोगे, वैसा ही बन जाओगे। उन्होंने शिक्षकों की ओर इशारा करते हुए कहा कि शिक्षकों के द्वारा दी गई शिक्षा उत्कृष्ट हो, जिससे बच्चे का सर्वांगीण विकास हो सके। राज्यपाल मिश्र ने कहा कि “असतो मा सद्गमय, तमसो मा ज्योतिर्गमय, मृत्योर्मा अमृतं गमय“ यह प्रार्थना सनातन धर्म से जुड़े संस्कारों का मूल है। उन्होंने कहा शिक्षा ही है जो व्यक्ति को निरंतर आगे बढ़ाने का कार्य करती है, इसलिए जरूरी है कि शिक्षण संस्थाएं इस तरह के शिक्षा प्रसार में रुचि लें, जिससे विद्यार्थियों को संस्कार के साथ-साथ नवाचारों के लिए भी प्रेरणा प्राप्त हो। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने कहा था कि दुखी, रोने और शर्म करने का कारण निरक्षरता उतना नहलृ है जितना अज्ञानता है। राज्यपाल ने कहा कि शिक्षा का ध्येय यही होना चाहिए कि वह अज्ञानता का हर दर्द समाप्त करे। जो शिक्षा अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाए उसी की सार्थकता है। शिक्षा से बहुत बड़े स्तर पर समाज में परिवर्तन लाया जा सकता है। इस दौरान राज्यपाल का ट्रस्टी आत्माराम सोनिया के नेतृत्व में शॉल ओढ़ाकर व साफा पहनाकर सम्मान किया। इसके बाद समाज व आमजन को शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए अग्रणी रहे आत्माराम सौंथलिया का साफा पहनाकर व प्रशस्ति पत्र देकर मिश्रा ने सम्मान किया। कार्यक्रम के दौरान राज्यपाल मिश्र ने शताब्दी पुस्तिका का विमोचन किया तथा अनावरण पट्टिका का लोकार्पण किया। कार्यक्रम के दौरान सांसद नरेंद्र खीचड़, जिला कलक्टर लक्ष्मण सिंह कुड़ी, एसपी मृदुल कच्छावा सहित विद्यालय के पदाधिकारी एवं गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।