जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि प्रदेश में सुदृढ़ कानून-व्यवस्था और संवेदनशील, पारदर्शी एवं जवाबदेह सुशासन राज्य सरकार का मूल मंत्र है। अपराध के प्रति हमारी जीरो टोलरेंस की नीति है और इसे मूर्त रूप देना जिला पुलिस अधीक्षकों की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है। उन्होंने निर्देश दिए कि सभी जिला पुलिस अधीक्षक कानून का इकबाल कायम करने, अपराधों पर प्रभावी रोकथाम लगाने एवं पीड़ितों को जल्द से जल्द न्याय दिलाने की दिशा में अपने कर्तव्यों का पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ निर्वहन करें। सभी पुलिस अधिकारी निष्पक्षता और सकारात्मक सोच के साथ काम करें ताकि देश में राजस्थान पुलिस नंबर वन मुकाम पर हो।
गहलोत गुरूवार को मुख्यमंत्री निवास से वीसी के माध्यम से पुलिस महानिरीक्षकों एवं जिला पुलिस अधीक्षकों के साथ बैठक में प्रदेश में कानून-व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि किसी भी प्रदेश में विकास एवं निवेश की स्थिति वहां की कानून-व्यवस्था पर निर्भर करती है। ऎसे में यह सीधा दायित्व जिला पुलिस अधीक्षकों का बनता है कि वे राज्य में शांति एवं सौहार्द का माहौल बनाए रखने के साथ ही पुलिस की साफ और निष्पक्ष छवि प्रस्तुत करें। पुलिस थानों में आने वाले फरियादियों की संवेदनशीलता के साथ सुनवाई करते हुए पुलिस के प्रति आमजन में विश्वास को और मजबूत बनाए। थानाधिकारी परिवादियों से आसानी से मिलें। वृत्त, सेक्टर एवं जिला स्तर तक सुपरवाइजरी पुलिस अधिकारी भी सुनवाई का काम गंभीरता से करें। ऎसे प्रयास हों कि परिवादी को मुख्यमंत्री कार्यालय या अन्य उच्च स्तर तक नहीं आना पडे़।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सुनियोजित एवं संगठित अपराधों पर प्रभावी रोकथाम के लिए आगामी विधानसभा सत्र में कानून लाने की तैयारी करें। उन्होंने कहा कि मादक पदार्थों के अवैध करोबार सहित अन्य संगठित अपराधों से भावी पीढ़ी को बड़ा खतरा है। ऎसे में कानून बनाकर सख्त कार्रवाई की जाना जरूरी है। उन्होंने एसओजी की हैल्पलाइन जल्द बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि नेशनल हाईवे पर मादक पदार्थों की बिक्री आदि पर भी सख्त कार्रवाई हो।
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