जयपुर। राजस्थान के सबसे बड़े गैंगस्टर आनंदपाल सिंह के एनकाउंटर का विवाद अब लगातार गहराता ही जा रहा है। एक ओर प्रशासन जहां आनंदपाल के रतनगढ़ मोर्चरी में पड़े शव को लेने के मामले में उसके परिजनों को नोटिस भेजा है। वहीं आनंदपाल के वकील एपी सिंह ने इस मामले में गुरुवार को मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए सरकार व पुलिस पर करारा हमला बोला।
आनंदपाल के शव भेजे गए नोटिस के जवाब में उन्होंने कहा कि पुलिस ने आनंदपाल के शव को लेने व उसका अंतिम संस्कार करने के मामले में जो नोटिस भेजा। उसमें वह शव के क्षरण होने व तय मियाद तक सुपुर्दगी नहीं लेने की स्थिति लावारिश मानकर अंतिम संस्कार करने की बात कह रही है। लेकिन मैं बता दूं आनंदपाल पुलिस जिस सेक्शन की बात कह रही है। वह लावारिश लाश के लिए है। जिसे सड़क से उठाकर लाया जाता है। लेकिन आनंदपाल लावारिश नहीं है। उसका परिवार है तो उसके साथ हजारों लाखों लोग जुड़े हुए हैं। आनंदपाल के शव के संक्रमण के सवाल में एपी सिंह ने कहा कि आनंदपाल के शव में संक्रमण नहीं फैल रहा है। संक्रमण तो सरकार में लग गया है। उसकी कुर्सी में दीमक लगने जा रही है। गुर्जर आंदोलन के दौरान गोलीकांड में मारे गए 70 गुर्जरों के शवों में संक्रमण नहीं फैला और पुलिस आनंदपाल के शव में संक्रमण की बात कह रही है। एनकांउटर के पीछे राजनीतिक षडयंत्र के एक सवाल में उन्होंने कहा कि यह किसी को बताने की जरुरत नहीं है। सभी को पता है। वहीं आनंदपाल के परिजनों को ढांढस बंधाने सरकार के किसी मंत्री के नहीं आने के वाल पर उन्होंने कहा कि यहां कोई मंत्री नहीं आया, यहां तो वे लोग आ रहे हैं जो मुख्यमंत्री बनाते हैं, विधायक बनाते हैं सरकार बनाते हैं। यहां मतदाता ही शहीद आनंदपाल को श्रद्धांजलि देने आ रहे हैं। देशभक्ति तो जनता में हैं।
-यह भेजा था नोटिस
बता दें राजस्थान पुलिस के वृत्ताधिकारी रतनगढ़ ने 27 जून को आनंदपाल की पत्नी के नाम एक नोटिस भेजा था। जिसमें कहा गया था कि आनंदपाल का शव रतनगढ़ स्थित मोर्चरी में डी-फ्रिज में रखा हुआ है। शव का पंचनामा तैयार कर मेडीकल बोर्ड से पोस्टमार्टम करा अंतिम संस्कार के लिए अमर सिंह व बलवीर सिंह को सौंपा था। लेकिन वे उसे लावारिश स्थिति में छोड़कर चले गए। शव को प्रिजर्व रखने के सभी उपाय करने व समय बीतने के साथ ही शव का क्षरण हो रहा है। जिससे वातावरण पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। वहीं धार्मिक संस्कारों के अनुरुप शव का अंतिम संस्कार नहीं करना शव का अपमान है। नोटिस प्राप्ति के 24 घंटे के भीतर शव को नहीं लिया गया तो राजस्थान पुलिस नियम 1965 के नियम 6.36 मृत्योपरांत परीक्षण व पुलिस कार्रवाई के उपनियम 6 के तहत अंतिम संस्कार कर देगी। जिसकी जिम्मेदारी परिजनों की रहेगी।