जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार शाम को प्रतापनगर एवं मानसरोवर में राजस्थान आवासन मण्डल द्वारा विकसित जयपुर चौपाटी का शुभारंभ किया।
इस दौरान मीडियाकर्मियों से बातचीत में मुख्यमंत्री ने इन दोनों चौपाटी के निर्माण कार्य को निर्धारित समयावधि में पूरा करने के लिए हाउसिंग बोर्ड को बधाई दी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के पर्यटन विकास के लिए प्रतिबद्धता से काम कर रही है। हमारा प्रयास है कि अधिक से अधिक संख्या में देशी-विदेशी पर्यटक राजस्थान घूमने आएं। इस दृष्टि से ये चौपाटियां जयपुरवासियों के साथ-साथ विदेशी पर्यटकों के लिए खान-पान तथा आकर्षण का केन्द्र बन सकेंगी और इनसे पर्यटन गतिविधियों को भी प्रोत्साहन मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने प्रतापनगर में आवासन मंडल द्वारा निर्माणाधीन कोचिंग हब प्रोजेक्ट का भी निरीक्षण किया। उन्होंने कोचिंग हब प्रोजेक्ट एवं मानसरोवर में विकसित किए जा रहे सिटी पार्क प्रोजेक्ट का प्रस्तुतीकरण देखा तथा आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
गहलोत पहले प्रतापनगर सेक्टर-23 स्थित जयपुर चौपाटी पहुंचे और फूडकोर्ट के लोकार्पण के पश्चात् यहां विभिन्न प्रकार के व्यंजनों की दुकानों का अवलोकन किया। उन्होंने मानसरोवर में स्व. द्वारकादास पुरोहित उद्यान के समीप विकसित जयपुर चौपाटी का भी लोकार्पण किया। उन्होंने यहां फूडकोर्ट का अवलोकन किया और आवासन मण्डल के संस्थापक अध्यक्ष रहे स्व. द्वारकादास पुरोहित की उद्यान के मुख्य द्वार पर स्थित प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किए।
आवासन आयुक्त पवन अरोड़ा ने बताया कि गहलोत के मार्गदर्शन से बीते करीब पौने तीन साल की अवधि में हाउसिंग बोर्ड का कायाकल्प हुआ है। समाज के विभिन्न वर्गों के लिए नई योजनाओं एवं निर्माण कार्यों को हाथ में लिया गया है और लोगों में इसके प्रति भरोसा बढ़ा है।
अरोड़ा ने बताया कि कोरोना की प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद आवासन मण्डल ने दो साल से भी कम अवधि में ही करीब 16 करोड़ 25 लाख रूपए की लागत से दोनों चौपाटियों का निर्माण पूरा कर दिखाया है। यहां आगन्तुकों के लिए आधुनिक टॉयलेट, सीसीटीवी कैमरे, साउण्ड सिस्टम, अग्निशमन, पार्किंग आदि सभी आवश्यक मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाई गई हैं।
उन्होंने बताया कि मानसरोवर चौपाटी में 22 और प्रतापनगर चौपाटी में 28 दुकानें बनाकर इन्हें पांच साल की लीज पर उपलब्ध करवाया गया है। दोनों ही चौपाटियों में सौन्दर्यीकरण के लिए आकर्षक लाइटें, टाइल्स, बैंचेज और सुंदर पेड़-पौधे लगाए गए हैं। ये चौपाटियां जयपुर में पर्यटकों के खान-पान के लिए आकर्षण का केन्द्र बन सकेंगी। यहां पंजाबी, राजस्थानी, उत्तर भारतीय जैसे परम्परागत व्यंजनों के साथ-साथ विभिन्न प्रकार के फास्ट-फूड, आइसक्रीम, जूस, शेक तथा कॉन्टिनेन्टल व्यंजन एक ही स्थान पर उपलब्ध हो सकेंगे। उन्होंने बताया कि प्रतापनगर में 65 हजार वर्ग मीटर क्षेत्र में करीब 228 करोड़ रूपए की लागत से देश के पहले कोचिंग हब का निर्माण प्रगति पर है।

LEAVE A REPLY