जयपुर। राष्ट्र विरोधी और आतंकी गतिविधियों में दोषी करार दिए गए आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा से जुड़े आठ सदस्यों की सजा पर फैसला बुधवार को सुना दिया है। अपर जिला व सत्र न्यायालय क्रम सत्रह जयपुर महानगर कोर्ट सभी आठों आतंकियों को भारत में आतंकी घटनाओं का षड्यंत्र रचने, विधि विरुद्ध क्रिया.कलाप अधिनियम की धाराओं, आतंकी योजनाओं के लिए फंड एकत्र करने और आतंक फैलाने की साजिश का दोषी माना गया है। आठों आतंकियों को कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है।
सजा प्राप्त आठ में से तीन पाकिस्तानी नागरिक हैं। पाकिस्तानी निवासी असगर अली उर्फ विजयए शकरउल्ला उर्फ मोहम्मद हनीफ व मोहम्मद इकबाल उर्फ दीसा निवासी के साथ राजस्थान के उनके सहयोगी बाबू उर्फ निशाचन्द्र अली, पवन पुरी उर्फ राजा, अरुण जैन, काबिल खां, हाफिज अब्दुल मजीद को यह सजा सुनाते हुए प्रत्येक पर तीन-तीन लाख रुपए का हर्जाना भी लगाया है। कड़े सुरक्षा घेरे में आठों आतंकियों को कोर्ट से जेल ले जाया गया। इस दौरान बड़ी संख्या में पक्षकार व पुलिसकर्मी मौजूद रहे।
– जेल से अंजाम दे रहे थे आतंकी षड्यंत्र को
एटीएस राजस्थान को राजस्थान में लश्कर ए तैयबा आतंकी संगठन से जुड़े लोगों के सक्रिय होने और आतंकी गतिविधियों को अंजाम दिए जाने की सूचना मिली थी। पड़ताल में सामने आया कि जेल में बंद लश्कर आतंकी पाकिस्तान निवासी असगर अलीए शकरउल्ला व मोहम्मद इकबाल राजस्थान और देश में लश्कर की स्लीपर सेल बना रहे हैं और वे देश में आतंकी योजनाओं का षड्यंत्र रच रहे हैं। इस सूचना पर एटीएस ने कार्रवाई करते हुए तीन पाकिस्तानी नागरिकों के साथ उनके पांच सहयोगियों को गिरफ्तार किया।
इनके पास सामरिक महत्व की सूचनाएंए पैसे और आतंकी गतिविधियों से जुड़े दस्तावेज प्राप्त किए। सभी आरोपी राजस्थान में लश्कर ए तैयबा की स्लीपर सेल बनाने में लगे हुए थे। वे आतंकी गतिविधियों के लिए फंड एकत्र करते थे। ये सभी कोडवर्क में बात करते थे। इनके मंसूबे काफी खतरनाक बताए जाते हैं।