जयपुर। जयपुर डायलॉग्स फोरम की ओर से तीन दिवसीय जयपुर डायलॉग्स कार्यक्रम रविवार से यहां वल्र्ड ट्रेड पार्क में शुरु हुआ। कार्यक्रम में भारत की एकता व विभाजन के तत्व विषयक प्रथम सत्र में डेविड फ्राले आयुर्वेद ज्योतिष व योग में वैदिक विद्वान और विशेषज्ञ, सोनल मानसिंह सांस्कृतिक विदूषी व पद्म विभूषण, नरेन्द्र कोहली महासमर के लेखक, आरिफ मोहम्मद खान पूर्व केन्द्रीय मंत्री व इस्लामिक विद्वान, वरिष्ठ पत्रकार शेखर गुप्ता, आलोक मेहता, संजय दीक्षित आईएएस आदि ने अपने विचार रखें। पूर्व केन्द्रीय मंत्री आरिफ मोहम्मद खान ने धर्म पर चर्चा करते हुए कहा, कि धर्म परोपकार है यानि दूसरों पर उपकार करना ही धर्म है। जैसा कि गोस्वामी तुलसीदास ने कहा ह, जाकी राही भावना जेसी प्रभु देखी तिन मूर्त तेसीष, यानि धर्म कहता हे किसी को दर्द मत दो, किसी को बाटो मत।
लेखक नरेन्द्र कोहली ने कहा कि धर्म अनेक है। अनेक विचारधाराएं है और अनेक पूजा पद्धति है। इन सबका एक ही सन्देश है, जो धरती पर आया है वो सब एक ही है। जिस प्रकार समुंद्र में अनेक जलधाराओं का समापन होता है। इसी प्रकार अनेक पंथ की आराधना का समापन एक ही ईश्वर में होता है। स्वामी विवेकानंद ने कहा जो तर्क से सिद्ध नही होता वो धर्म नही होता। भगवान महावीर ने कहा अहिंसा परमोधर्म। सोनल मानसिंह ने कहा कि धर्म के कई रुप व रंग है। कोई केसरिया कहता है कोई हरा कहता है। कोई सफेद किन्तु धर्म की श्रेष्ठ परिभाषा ये है जिसका कोई रंग नही है। अनुभव सबसे बड़ा धर्म है।
– देश परमाणु सम्पन्न, फिर भी हजारों पंडित बेघर
एक्टिविस्ट सुशील पण्डित ने धर्म-राष्ट्रवाद और कश्मीर पर बोलते हुए कहा कि विष्णु पुराण में लिखा है कि हिमालय के दक्षिण व समुन्द्र के उत्तर में भारतीय संतति की उत्पत्ति है। भारत को सुरक्षित कहा जाता है और देश में राष्ट्रवाद की लहर है। कश्मीर से ७०0 हजार हिन्दु परिवारों को विस्तापित किया गया। उन्हें कश्मीर में क्यों सुरक्षित बसाया नहीं जा रहा है। यह तो तब है, जब भारत परमाणु संपन्न शक्तिशाली देश है। राष्ट्रवाद हवा में नही है, लेकिन राष्ट्रवाद दिखना भी चाहिए। उसकी संस्कृति भूगोल है। हम संस्कृति को नही बांटे उसके दो फ ाड़ नही करे। राष्ट्रवाद मन में विकसित होना जरुरी है।
-सभी साथ चलें तो राष्ट्रवाद को बढ़ावा
आउटलुक संपादक आलोक मेहता ने कहा कि राष्ट्रवाद राजाराम मोहनराय ने शुद्ध किया था। स्वामी विवेकानंद ने राष्ट्रवाद की बातें उठाई थी। हमारे देश में राष्ट्रवाद को राजनैतिक कारणों से मात मिल रही है। राष्ट्रवाद तभी सफ ल होगा, जब समाज को सशक्त बनाकर दूसरों की सहायता के लिए तैयार होंगे। हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई सभी मिलकर चले तो राष्ट्रवाद को बढ़ावा मिलेगा। एडवोकेट
राघव अवस्थी बोले, देश में दलों को लगता है राष्ट्रवाद अच्छा नही है। हमें राष्ट्रवाद को लेकर गर्व महसूस करना चाहिए। राष्ट्रवाद विभिन्न विचारधाराओं को अपने आग़ोश में समेत लेता है। हमारी भावनाये राष्ट्रवादी होनी चाहिए। वरिष्ठ पत्रकार शेखर गुप्ता ने कहा कि इतिहास,भाषा, जातीय और संस्कृति के आधार पर सभी को एकजुट रहना चाहिए।
डेविड फ्र ाले आयुर्वे विशेषज्ञ और आईएएस संजय दीक्षित ने अपने विचार रखे। इस मौके पर जयपुर डायलॉग्स फ ोरम के अध्यक्ष सुनील कोठारी, सचिव पंकज जोशी, मीडिया प्रभारी विमल कटियार, संयुक्त सचिव राजकुमार शर्मा, सीओओ प्रकाश टेकवानी ने अतिथियों का अभिनंदन किया।