जयपुर। फौजी शीशराम जाट की संदिग्धावस्था में मौत होने पर झुंझुनुं पुलिस ने विसरा की जांच कराने के लिए नमूनें जयपुर एफएसएल में भेजे थे। जहां डॉ. विनोद जैन जो 2017 में भी बीएमडब्ल्यू हिट एण्ड रन मामले में आरोपी एमएलए पुत्र सिद्धार्थ महरिया के खून के नमूनें बदलने का आरोपी है एवं डॉ. यजूला गुप्ता ने बिना जांच किये ही आरोपियों को क्लीन चिट देने के लिए नमूनों में जहर नहीं पाते हुए फर्जी एफएसएल रिपोर्ट बना कर पुलिस को सौंप दी थी। रिपोर्ट को सही मानते हुए पुलिस ने कोर्ट में मामूली धाराओं में चालान भी पेश कर दिया। कोर्ट ने चार्ज लगा कर ट्रायल शुरु कर दी। रामदेव सिंह ने हार नहीं मानी और दिल्ली सीएफएसएल में जांच कराई, जहां विसरा में एण्डोसल्फान जहर होना प्रमाणित हुआ। ट्रायल कोर्ट ने पुन: हत्या का चार्ज लगाते हुए दोनों अभियुक्तों मीना देवी एवं सुभाष चौधरी को 1० जनवरी, 2014 को आजीवन कारावास की सजा से दण्डित किया था।
रामदेव सिंह ने शास्त्रीनगर थाने में सहायक निदेशक, एफएसएल जयपुर डॉ. विनोद जैन एवं डॉ. यजूला गुप्ता के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई थी। पीडित का आरोप है कि प्रभावशाली आरोपियों के आगे नतमस्तक होने वाली जयपुर पुलिस ने मामले में आज तक कोई कार्रवाई नहीं की। थानेदार दातार सिंह की ओर से पेश की गई एफआर को कोर्ट ने अस्वीकार कर लौटा दिया था और पुन: अनुसंधान करने के आदेश दिये थ्ो।