जयपुर। जयपुर विद्युत वितरण निगम में एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। जिस पर कई तरह के कयास और अंदेशा लगाया जा रहा है। जेवीएनएल के स्टोर में हैल्पर दीनदयाल की आॅन ड्यूटी ब्रेन हेमरेज से मौत हो गई। जिस वक्त उसे ब्रेन हेमरेज हुआ था वह आॅफिस में ही था। उसे तुरन्त अस्पताल ले जाया गया जहा तीन के उपचार के बाद दो दिन पहले उसकी मौत होल के ट्रांसफार्मर रखे जाते थे। विभाग में यह चर्चा चल रही है कि इस सैल में काफी गड़बड़ियां हो रही थी जिसकी उच्च अधिकारियों को जानकारी होने पर उनके द्वारा कहा गया था कि इस सैल में रखे ट्रांसफार्मरों की गिनती करवाई जाएगी तथा गई। मामला यूं तो सीधा ही नजर आता है लेकिन सूत्रों के अनुसार जिस वार्ड में दीनदयाल हैल्पर था उसमें गारंटी से पिछले कुछ वर्षों का सारा लेखा-जोखा (इस सैल से संबंधित) का भी निरीक्षण किया जाएगा। जब से यह आदेश आए तब से ही दीनदायल तनावग्रस्त रहने लगा क्योंकि काफी समय से वह इस सैल में कार्यरत था लिहाजा उसे शायद डर रहा हो कि जांच में मेरा भी नाम आ सकता है औरमुझसे भी पूछताछ हो सकती है। इन्ही सब बातों से वह तनावग्रस्त रहने लगा। इसके बाद ही दीनदयाल को ब्रेन हेमरेज हो गया। तुरन्त स्टॉफ वालों ने मौके की नजाकत को देखते हुए। दीनदयाल को महात्मा गांधी अस्पताल पहुंचाया जहां चिकित्सकों ने उसका गहनता से उपचार किया। जिसके पश्चात दो दिन पहले उनकी मौत हो गई। सवाल यह है कि अफसर के जांच करने की बात को सुनकर उसे ब्रेन हेमरेज हुआ या यह ब्रेन हेमरेज प्राकृतिक था ।
दीनदायल की मौत के बाद कर्मचारी संगठनों में रोष व्याप्त है और उन्होंने मांग की है कि मामले की विभागीय और न्यायिक जांच की जाए। जिससे मौत के कारणों का पता लगाया जा सके और मृतक दीनदयाल को इंसाफ मिल सके। जब तक मामले की जांच नहीं होगी हम चुप नहीं बैठेंगे। इस संबंध में यह भी चर्चा है कि इस मामले को विभाग अपनी बदनामी के डर से दबाने में लगा है। साथ ही यह अंदेशा है कि दीनदयाल जिस सैल का हैल्पर था अगर उस सैल में अनियमितता हुई है तो उस अकेले दीनयाल ने बड़े अधिकारी के बिना तो की नहीं होगी। यही एक कारण है कि विभाग जांच से बचना चाह रहा है। क्योंकि इसमें कई बड़े अधिकारियों का नाम उजागर होने का अंदेशा है। मामले की गंभीरता को देखते हुए। यह जांच का विषय है कि दीनदयाल को ऐसा क्या तनाव था जिससे उसे आॅन ड्यूटी ब्रेन हेमरेज हो गया और उसकी मौत हो गई।