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जयपुर। राज्यसभा सदस्य शरद यादव की पहल पर 14 सितम्बर को जयपुर में होने वाले  “साझा विरासत बचाओ सम्मेलन ” में 15 राजनीतिक दल एकजुटता दिखाएंगे। सम्मेलन में पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता आनंद शर्मा, राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट, उत्तरप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांड़ी, जयंत चौधरी, माकपा नेता सीताराम येचूरी, एनसीपी के तारीक अनवर, अतुल अंजान सहित कई नेता शामिल होंगे।

राजस्थान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट ने मंगलवार को प्रेस कांफ्रेंस में जानकारी देते हुए कहा कि जयपुर में होने वाले इस सम्मेलन में गैर भाजपाई रदलों के नेताओं के साथ ही प्रमुख शिक्षाविद्ध और चिंतक भी शामिल होंगे। सम्मेलन में वर्ष 2018-19 की  राजनीतिक चुनौतियों पर चर्चा होगी । उन्होंने आरोप लगाया कि देश और प्रदेश  की वर्तमान शासन व्यवस्था के चलते प्रजातांत्रिक मूल्यों की हत्या हो रही है, कोई भी अपनी बात नहीं कह पाता। उन्होंने आरोप लगया कि भाजपा दबाव कि राजनीति करके विपक्षी दलों की एकजुटता को बिखेरने का प्रयास कर रही है। इसका उदाहरण बिहार का सबके सामने है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महागठबंधन के बैनर के तले चुनाव लड़ा और मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठ गए, लेकिन दबाव के चलते भाजपा से हाथ मिला लिया, जबकि होना यह चाहिए था कि वे पहले मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देकर जनता के बीच जाते। अजमेर से पायलट लडेंगे चुनाव, राजस्थान की अजमेर संसदीय सीट पर उप चुनाव को लेकर कसरत शुरू हो गई है । पूर्व केन्द्रीय मंत्री सांवरलाल जाट के निधन के कारण खाली हुई इस सीट पर कांग्रेस नेताओं ने दावेदारी जताना शुरू कर दिया।  इसी बीच प्रदेश  कांग्रेस सेवादल के अध्यक्ष राकेश पारीक का कहना है कि पीसीसी अध्यक्ष सचिन पायलट इस सीट से पहले एक बार सांसद रह चुके हैं,इसलिए वे ही कांग्रेस के उम्मीदवार होंगे । उन्होंने कहा कि अजमेर की जनता एक बार फिर पायलट को ही सांसद के रूप में देखना चाहती है।

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