नयी दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने आज आम आदमी पार्टी के नेता दीपक बाजपेयी की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें उन्होंने वित्त मंत्री अरूण जेटली की ओर ये दायर मानहानि के मामले में निचली अदालत के समन के आदेश को चुनौती दी थी। न्यायमूर्ति आई एस मेहता ने कहा कि बाजपेयी पुनरीक्षण याचिका दायर करने में 458 दिनों के विलंब को स्पष्ट करने में विफल रहे और इस विलंब को देखते हुए उनकी याचिका में उचित आधार की कमी है।
अदालत के सूत्रों ने बताया कि विलंब को माफ करने की गुहार को इस आधार पर ठुकरा दिया गया कि यह ‘कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग’ है और ऐसे में ‘पुनरीक्षण याचिका भी खारिज कर दी गई।’ डीडीसीए से जुड़े विवाद को लेकर जेटली ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आप के कुछ दूसरे नेताओं के खिलाफ मानहानि का मामला दायर कर रखा है। इन नेताओं में बाजपेयी भी शामिल हैं। उच्च न्यायालय ने अपने 18 पृष्ठों के आदेश में कहा कि बाजपेयी ने शुरुआत में निचली अदालत के आदेशों को चुनौती नहीं दी। निचली अदालत ने नौ मार्च, 2016, 30 जनवरी और 25 मार्च को इस बारे में आदेश दिए थे।