नयी दिल्ली, वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि देश में आय की बड़ी विषमताओं को देखते हुए माल एवं सेवा कर :जीएसटी: की एक दर लागू करना अभी संभव नहीं है। हालांकि, वित्त मंत्री ने निवेशकों को भरोसा दिलाया कि कर अनुपालन मानदंड बेहतर होने के बाद सरकार आगे इस मामले और सुधार लाएगी। भारत-कोरिया शिखर सम्मेलन में प्रतिभागियों के सवालों के जवाब में जेटली ने कहा कि देश में फिलहाल जीएसटी की एक दर संभव नहीं है, इसकी वजह है कि हमारा समाज बड़ी विषमताओं वाला है। उन्होंने कहा कि सुधारों का अगला दौर एक उल्लेखनीय कर अनुपालन वाला समाज बनने के बाद शुरू होगा। उन्होंने कहा कि जब हम अनुपालन का स्तर सुधार लेंगे तो सुधारों का अगला चरण शुरू होगा। वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘उदाहरण के लिए हमारे पास दो मानक दरें और दीर्घावधि में इनको मिलाकर एक किया जा सकता है। ऐसा होने के लिए जरूरी है कि अनुपालन का स्तर सुधरे।’’
जीएसटी में अनुपालन के बोझ पर जेटली ने कहा कि अभी यह काफी भारी है, लेकिन स्थिति में सुधार होगा क्योंकि राजस्व विभाग ने कई कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि भारत में जीएसटी की कई दरों के साथ शुरुआत की वजह यह है कि देश में पहले से 17 कर और 23 उपकर थे, जिन्हें जीएसटी में समाहित किय गया। उन्होंने कहा कि 28 प्रतिशत कर स्लैब को काफी छोटा किया गया है। विलासिता के उत्पादों पर पांच प्रतिशत का कर नहीं हो सकता।देश में आर्थिक असमानताओं की वजह से कर की दरों में भिन्नता है। बैंकिंग क्षेत्र के बारे में सवाल पर वित्त मंत्री ने कहा कि पिछले कुछ साल के दौरान बैंक अधिक सतर्क हुए हैं, क्योंकि कुछ ग्राहकों की ओर से उन्हें झटका लगा है। ओड़िशा में कोरियाई कंपनी पॉस्को के निवेश के बारे में सवाल पर जेटली ने कहा कि इनमें से कई समस्याएं हमें विरासत में मिली हैं। पिछले कुछ साल में यदि ये पूरी तरह समाप्त नहीं हुई हैं, तो भी इन्हें कम तो किया गया है।