प्रमुख सचिव के आदेशों की ही नहीं हो रही पालना
जयपुर। जलदाय विभाग में गबन के मामलों को भले ही प्रमुख शासन सचिव रजत कुमार मिश्र बड़ी गंभीरता से ले रहे हो, लेकिन विभाग के अधिकारी और इंजीनियर्स प्रमुख शासन सचिव रजत कुमार मिश्र के आदेशों की पालना को लेकर बिल्कुल भी गंभीर नहीं है। विभाग के इंजीनियर्स की लापरवाही का सबसे बड़ा उदाहरण है जवाहरनगर उपखण्ड कार्यालय में 1.39 करोड़ के गबन का मामला। मीडिया द्वारा मामला उजागर करने के बाद विभाग की ओर से की गई विशेष जांच में जवाहरनगर उपखण्ड कार्यालय में कर्मचारियों के अवकाश वेतन, सेवानिवृत्ति पर अनुपयोगी उपार्जित अवकाश में हेराफेरी कर अधिक राशि का भुगतान, सेवानिवृत्ति के बाद भी वेतन का भुगतान, वेतन भत्तों का दोहरा भुगतान, अनुपस्थित अवधि का बिना अवकाश स्वीकृति के वेतन भुगतान कर तत्कालीन सहायक अभियंताओं, लिपिक और कैशियर द्वारा 1.39 करोड़ का गबन किया गया। उपखण्ड कार्यालय में यह गबन वित्तीय लेखा नियमों और सेवा नियमों के प्रावधानों की पालना नहीं किए जाने के कारण हुआ।
मामले को गंभीरता से लेते हुए जलदाय विभाग के प्रमुख शासन सचिव रजत कुमार मिश्र द्वारा 2 जून, 2018 को विभाग के आलाधिकारियों की बैठक आयोजित कर प्रदेश के सभी खण्ड कार्यालयों में इस तरह की अनियमिताओं की जांच के निर्देश दिए गए। प्रमुख शासन सचिव के निर्देश के बाद विभाग के वित्तीय सलाहकार एवं मुख्य लेखाधिकारी की ओर से 6 जून, 2018 को प्रदेश के सभी खण्ड कार्यालयों के अधिशाषी अभियंताओं को एक प्रारूप पत्र जारी किया गया, जिसमें 11 बिन्दुओं पर अनियमितताओं की जांच कर अधिशाषी अभियंताओं से प्रमाण पत्र मांगा गया था। अधिशाषी अभियंताओं को कार्यालय के खण्डीय लेखाधिकारी और कनिष्ठ लेखाधिकारी के सहयोग से 11 बिन्दुओं पर जांच कर निर्धारित प्रारूप में प्रमाण पत्र भिजवाना था, लेकिन अभी तक अधिकांश खण्ड कार्यालयों की ओर से जांच का प्रमाण पत्र नहीं भिजवाया गया। विभाग के आलाधिकारी भी रिपोर्ट नहीं भिजवाने के मामले को ठंडे बस्ते में डाल चुके हैं।