जयपुर। जम्मू कश्मीर विधानसभा भंग कर दी है। भाजपा के समर्थन वापस लेने के चलते पीडीपी सरकार अल्पमत में आ गई थी और इस पर राज्यपाल ने राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया। छह महीने में सरकार बनाने का दावा करना था। पांच महीने खत्म होने के बाद बुधवार को कश्मीर का सियासी घटनाक्रम तेजी से बदला। पहले पीपुल्स क्रांफ्रेंस के सज्जाद लोन ने पहले सरकार का दावा पेश किया।
इसके बाद पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती ने कांग्रेस, उमर अब्दुल्ला व अन्य पार्टी के सहयोग से सरकार बनाने का दावा पेश किया, लेकिन महबूबा का आरोप है कि राज्यपाल भवन से उनका सरकार बनाने का फैक्स रिसीव नहीं हुआ। ना ही फोन रिसीव किया गया। सोशल मीडिया से सरकार बनाने का दावा पेश किया, लेकिन तब तक राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने विधानसभा भंग कर दी। छह महीने बाद विधानसभा चुनाव होंगे।
उधर, विधानसभा भंग करते ही सियासत गरमा गई। पीडीपी, नेशनल क्रांफ्रेंस व दूसरे दलों ने विधानसभा भंग को गलत ठहराते हुए इसे कोर्ट में चैलेंज करने की बात कही है।