जयपुर। श्रीकृष्ण , नाम से परम आनंद की प्राप्ति होती है। श्रीकृष्ण भगवान और लोगों के अराध्य तो है ही साथ ही उनके द्वारा की गई बाल लिलाओं के कारण वे सबके लाडले भी हैं। यही कारण है की लोग अपने घर में छोटे बच्चों का नाम कान्हा रखते हैं। श्रीकृष्ण ने जीवन में इतनी लीलाएं की है जिसे एक मनुष्य के द्वारा एक जीवन में बता पाना संभव नहीं है फिर भी कुछ लीलाएं ऐसी है जिन्हे लोग ने किताबों में पढ़ा भी है और सुना भी है।

बलराम सुभद्रा का विवाह दुर्योधन से करना चाहते थे। कृष्ण ने बहन का मन समझा और अर्जुन से विवाह की अनुमति दे दी। उन्होंने द्रौपदी की लाज बचाई। शिशुपाल की सौ गलतियां क्षमा करने का वचन दिया। नरकासुर का वध कर 16100 राजकन्याओं को मुक्त कराया। समाज उन्हें स्वीकार करे, इसलिए पत्नी का दर्जा दिया।
यमुना कालिया नाग की वजह से विषैली हो रही थी। गायें-बछड़े पानी पीकर मर रहे थे। नदी को विष से मुक्त करने के लिए श्रीकृष्ण ने एक बार खेलते समय गेंद नदी में फेंक दी। जैसे ही वे यमुना में उतरे, कालिया नाग ने उन्हें जकड़ लिया। कृष्ण ने उसका फन कुचल डाला। यमुना नदी जीवनदायनी है, वह विष से मुक्त हो गई।

युद्ध जीतने के बाद पांडव मां गांधारी के पास गए। उनसे पहले कृष्ण जा पहुंचे। गांधारी कृष्ण से स्नेह रखती थीं, किन्तु पुत्रों के विनाश से क्रोध में थीं। कृष्ण को शाप दे डाला-मेरी तरह तुम्हारा वंश भी नष्ट होगा। कृष्ण मुस्कुराते हुए बोले-तथास्तु। उन्होंने पांडवों को गांधारी के क्रोध से बचाया, साथ ही बड़ों के सम्मान की परंपरा भी स्थापित की।
ब्रजवासी यज्ञ करने जा रहे थे। कृष्ण को पता चला कि ऐसा इंद्रदेव को खुश करने के लिए हो रहा है, नहीं तो वर्षा नहीं होगी। कृष्ण बोले- वर्षा करना तो इंद्र का कर्तव्य है, इसलिए यह यज्ञ अनुचित है। पूजा तो पशुओं का पोषण करने वाले गोवर्धन पर्वत की होनी चाहिए। इंद्र रुष्ट हुए। इतनी वर्षा की कि बाढ़ गई। कृष्ण ने गोवर्धन उठाकर सभी को बचाया।

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