हिसार। जाट संगठनों के बीच खींचतान और विवाद एक बार फिर सामने आ गया। जाट आंदोलनों में शहीद हुए युवाओं को श्रद्धांजलि देने के लिए मय्यड़ के पास आयोजित अलग-अलग सभाओं में जाट संगठनों ने एक-दूसरे पर निशाना साधा। अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के प्रधान यशपाल मलिक ने दूसरे गुटों के नेताओं पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने यहां तक कह दिया कि कुछ जाट नेता शहीद युवाआें के नाम पर अपना घर चला रहे हैं। श्रद्धांजलि सभा में जाट नेताओं के एक-दूसरे पर वार, आंदोलन को लेकर आरोप-प्रत्यारोप यशपाल मलिक ने कृष्ण किरमारा और हवा सिंह सांगवान खास ताैर पर निशाना साधा। यशपाल मलिक ने कहा कि कृष्ण किरमारा पर हमला करते हुए कहा कि कुछ लोग झुग्गी – झोपड़ियों में रहा करते थे लेकिन समिति द्वारा उन्हें पद दिए जाने के बाद अब वह कोठियो में रहने लग गए हैं। उन्होंने कहा कि आज भी कुछ लोग सुनील श्योराण के शहीद होने के बाद उसके नाम पर अपना घर पालने का काम कर रहे हैं। मय्यड़ में रामायण रेल फाटक के पास आयोजित जाट श्रद्धांजलि सभा में मौजूद महिलाएं।
यशपाल मलिक ने कहा कि आरक्षण क लिए जाटों का आंदोलन जारी रहेगा। प्रदेश सरकार को दो महीने का समय दिया गया है कि वह अपने आंकड़े पेश करे। इसके बाद हम अपना कदम उठाएंगे। उन्होंने राज्य के वित्तमंत्री कैप्टन अभिमन्यु पर भी जमकर हमला किया। उन्हाेंने कहा के आज कैप्टन अभिमन्यु के कारण ही जाट युवा जेलों में बंद हैं। मलिक ने कहा कि 2010 में सुनील श्योराण शहीद हुआ था। उसके शहीद होने के बाद ही कुछ लोग सरकार के चमचे बन गए। वे लोग आज शहीद के नाम पर अपना घर चलाने का काम कर रहे हैं । मलिक ने कहा कि 2011 में नफे सिंह नैन और 2012 में सांगवान और धर्मपाल धारीवाल जैसे लोगों ने आरक्षण टालने का काम किया।