जेवीवीएनएल में भ्रष्टाचार को संरक्षण: कोटा शहर में अंडरग्राउण्ड केबल डालने में हुए फर्जीवाड़े का मामला
ओरियन्टल सैल्स, बजाज इलेक्ट्रिकल्स और एसएमएस इन्फ्रास्ट्रक्चर को किया भुगतान
जितेन्द्र शर्मा
जयपुर। भ्रष्टाचार के मामलों में सिरमौर बन चुके जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड में एक के बाद एक करोड़ों के फर्जीवाडों के मामले सामने आ रहे हैं। इन भ्रष्टाचार के मामलों में कार्रवाई करने की बजाए जयपुर डिस्कॉम के अधिकारी ठेका फर्मों पर जमकर मेहरबानी बरसा रहे हैं। कोटा शहर में अंडरग्राउण्ड केबिल डालने का मामला भी उन्हीं में से एक है। कोटा शहर में अंडरग्राउण्ड केबिल डालने के मामले में मैसर्स ओरियन्टल सैल्स, मैसर्स बजाज इलेक्ट्रिकल्स और मैसर्स एसएमएस इन्फ्रास्ट्रक्चर द्वारा जमकर फर्जीवाड़ा किया गया। फर्जीवाडें का दो-दो जांच कमेटियों द्वारा अपनी रिपोर्ट में खुलासा किए जाने और तीनों फर्मों पर कार्रवाई करने की सिफारिश करने के बाद भी जयपुर डिस्कॉम के अधिकारियों ने फर्मों पर कार्रवाई करने की बजाए उन्हें 250 करोड़ का गलत तरीके से भुगतान कर दिया। डिस्कॉम अधिकारियों ने फर्मों को फायदा पहुंचाने और अधिकारियों को बचाने के लिए तीनों फर्मों के घटिया और अधूरे कार्यों के भुगतान का निर्णय कॉरपोरेट लेवल परचेज कमेटी (सीएलपीसी) से कराया, ताकि बाद मामलें में अधिकारियों पर कोई कार्रवाई नहीं हो। दरअसल तीनों फर्मों द्वारा किए गए घटिया और अधूरे कार्यों की शिकायत की जयपुर डिस्कॉम द्वारा कोटा सर्किल अधीक्षण अभियंता के नेतृत्व जांच टीम बनाकर जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई। जांच टीम द्वारा कार्यों का निरीक्षण किए जाने के बाद मैसर्स ओरियन्टल सैल्स, मैसर्स बजाज इलेक्ट्रिकल्स और मैसर्स एसएमएस इन्फ्रास्ट्रक्चर द्वारा किए गए कार्यों का फर्जीवाड़ा उजागर हुआ। इसके बाद जयपुर डिस्कॉम के टीडब्ल्यू विंग के आलाधिकारियों की स्पेशल जांच टीम गठित कार्यों की जांच कराई गई। जिसमें इस जांच कमेटी ने भी कोटा आरएपीडीआरपी के तहत कोटा में कराए गए कार्यों में गंभीर अनियमितता पाई। इस प्रकार तीनों फर्मों द्वारा तय कार्यों में गंभीर खामियां रखी और टेंडर शर्तों के मुताबिक कार्य नहीं पाए गए। जिसमें अंडर ग्राउण्ड एलटी और एचटी केबल टर्मिनेटिंग एवं बिना किसी कवरिंग के खुली छोडने, ट्रांसफॉर्मर आरएमयू तथा डीटी बॉक्स के पास सभी जगह अंडर ग्राउण्ड केबल जमीनी सतह पर ही छोड़ने, फर्मों द्वारा बिछाई गई दूसरी केबल आरएमयू तथा डिस्ट्रीब्यूटर बॉक्स के पास खुली एवं अस्त-व्यस्त छोड़ने, तीनों फर्मों द्वारा एचटी व एलटी केबल जो कि लाइनों से जोड़ी गई थी, उनमें कनेक्टर की जगह केवल तार से बांध दिया गया, जांच में सामने आया कि तीनों फर्मों द्वारा जहां-जहां एलटी बॉक्स व अंडर ग्राउण्ड केबल बदली गई, वहां के पुराने पिलर बॉक्स व हटाई गई केबल को स्टोर में जमा नहीं कराया गया। फर्मों द्वारा लाखों रूपए की केबल और बॉक्स को खुर्द-बुर्द कर दिया गया। जांच कमेटी द्वारा तीनों फर्मों की ओर से डाली गई अंडर ग्राउण्ड केबल के पिट खोदकर जांच की गई तो एक भी स्थान पर निर्धारित मापदण्डों की गहराई नहीं मिली और न ही अंडर ग्राउण्ड केबल के नीचे सीमेंट का बेस मिला। केबल के दोनों ओर की ईंटें और कवरिंग ईंट भी नहीं लगाई गई। तीनों फर्मों द्वारा केबल डालने के दौरान किसी भी तरह से मापदण्डों की पालना नहीं की गई। ज्यादातर जगहों पर केबल निर्धारित गहराई पर नहीं डाली गई। मैसर्स ओरियन्टल सैल्स, मैसर्स बजाज इलेक्ट्रिकल्स और मैसर्स एसएमएस इन्फ्रास्ट्रक्चर द्वारा किए गए फर्जीवाड़े पर सुपरविजन का कार्य देख रहे जेईएन, एईएन और एक्सईएन भी सवाल खड़े किए थे, लेकिन अधिकारियों और फर्मों के दबाव के चलते अधूरे और घटिया कार्यों को वेरिफाई कर उनका भुगतान कर दिया।
दो जांच कमेटियों की नेगेटिव रिपोर्ट व एसीबी में मामला, फिर भी 250 करोड़ का किया भुगतान
कोटा शहर में अंडर ग्राउण्ड केबिल डालने में हुए घटिया और अधूरे कार्यों का खुलासा दो-दो जांच कमेटियों की रिपोर्ट में उजागर होने के बाद भी जेवीवीएनएल के आलाधिकारियों द्वारा लंबे समय तक मैसर्स ओरियन्टल सैल्स, मैसर्स बजाज इलेक्ट्रिकल्स और मैसर्स एसएमएस इन्फ्रास्ट्रक्चर पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। जांच रिपोर्ट विद्युत कंपनियों के चेयरमैन और जयपुर डिस्कॉम अध्यक्ष के पास भी पहुंची, लेकिन तीनों ही फर्मों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। फर्जीवाड़े को लेकर तीनों फर्मों के खिलाफ एसीबी में भी जांच चल रही है। लेकिन जयपुर डिस्कॉम के अधिकारियों ने तीनों फर्मों को बचाने और 250 करोड़ का भुगतान करने के लिए मामला कॉरपोरेट लेवल परचेज कमेटी (सीएलपीसी) में लेकर फर्मों पर नाम मात्र की पेनल्टी लगाकर फर्मों को 250 करोड़ का पूरा भुगतान कर दिया गया। यह सारा खेल बिजली कंपनियों के सीएमडी, जयपुर डिस्कॉम एमडी और मैसर्स ओरियन्टल सैल्स, मैसर्स बजाज इलेक्ट्रिकल्स और मैसर्स एसएमएस इन्फ्रास्ट्रक्चर की मिलीभगत से हुआ है।
घटिया कार्यों पर खुद मॉनीटरिंग इंजीनियर्स ने उठाए सवाल
कोटा शहर में अंडरग्राउण्ड केबिल डालने में हुए करोड़ों के फजीर्वाड़े पर सवाल हम नहीं उठा रहे, बल्कि विभाग के इंजीनियर ही घटिया कार्यों का खुलासा कर रहे हैं। अंडरग्राउण्ड केबिल डालने के कार्य के सुपरविजन से जुड़े जेईएन, एईएन और एक्सईएन ने ही घटिया और अधूरे कार्यों का खुलासा किया है। कार्यों की मॉनीटरिंग कर रहे इंजीनियर्स ने लिखित में बयान दिए हैं कि वे फर्मों के कार्यों और कार्य प्रणाली से संतुष्ठ नहीं हैं।
केस नंबर-1
सवाल: जांच टीम द्वारा कोटा शहर में मैसर्स ओरियन्टल सैल्स, मैसर्स बजाज इलेक्ट्रिकल्स और मैसर्स एसएमएस इन्फ्रास्ट्रक्चर द्वारा किए गए कार्यों का निरीक्षण करने के बाद कार्यों का सुपरविजन का कार्य देख रही सहायक अभियंता आशीष कुमार जौहरी, एसटीएम-तृतीय, कोटा, से सवाल किया कि क्या आप इन फर्मों के कार्य और कार्य प्रणाली से संतुष्ट है-
जवाब: सहायक अभियंता आशीष कुमार जौहरी, एसटीएम-तृतीय, कोटा, ने कहा आरएपीडीआरपी, पार्ट-2 का कार्य कोटा शहर में मेरी जानकारी के अनुसार सही तरीके से मैनेज नहीं हुआ तथा इस बात की पूर्ण आशंका है कि जिस उद्देश्य को लेकर यह प्रोजेक्ट लाया गया था उसके उचित परिणाम आने में संदेह है। जिस राशि लगभग 250 करोड़ रुपया लगाया उसी अनुपात में इस प्रोजेक्ट को लागू करने के लिए मैन पॉवर व समय एवं समय तथा प्लानिंग की आवश्यकता थी अनुभवहीन अभियंता एवं अनुभवहीन फर्म के कर्मचारियों द्वारा संचालित यह प्रोजेक्ट भारत सरकार व राजस्थान सरकार का पैसा लगभग व्यर्थ हो सा गया, संदेह है।
केस नंबर-2
सवाल: जांच टीम द्वारा कोटा शहर में मैसर्स ओरियन्टल सैल्स, मैसर्स बजाज इलेक्ट्रिकल्स और मैसर्स एसएमएस इन्फ्रास्ट्रक्चर द्वारा किए गए कार्यों का निरीक्षण करने के बाद कार्यों का सुपरविजन कर रहे अधिशाषी अभियंता नगर खण्ड-प्रथम, कोटा एन.एस.गरासिया से सवाल किया कि क्या आप इन फर्मों के कार्य और कार्य प्रणाली से संतुष्ट है-
जवाब: अधिशाषी अभियंता नगर खण्ड-प्रथम, कोटा एन.एस.गरासिया का बयान- फर्म के कार्य और कार्य प्रणाली से संतुष्ट नहीं हैं। समय-समय पर फर्म को कार्य मापदण्डों के अनुसार सही करने के निर्देश दिए गए।
केस नंबर-3
सवाल: जांच टीम द्वारा कोटा शहर में मैसर्स ओरियन्टल सैल्स, मैसर्स बजाज इलेक्ट्रिकल्स और मैसर्स एसएमएस इन्फ्रास्ट्रक्चर द्वारा किए गए कार्यों का निरीक्षण करने के बाद कार्यों का सुपरविजन कर रहे सहायक अभियंता नगर खण्ड-प्रथम, कोटा पंकज एरन से सवाल किया कि क्या आप इन फर्मों के कार्य और कार्य प्रणाली से संतुष्ट है-
जवाब: सहायक अभियंता नगर खण्ड-प्रथम, कोटा पंकज एरन का बयान- फर्म के कार्य से संतुष्ट नहीं हूं।
केस नंबर-4
सवाल: जांच टीम द्वारा कोटा शहर में मैसर्स ओरियन्टल सैल्स, मैसर्स बजाज इलेक्ट्रिकल्स और मैसर्स एसएमएस इन्फ्रास्ट्रक्चर द्वारा किए गए कार्यों का निरीक्षण करने के बाद कार्यों का सुपरविजन का कार्य देख रही कनिष्ठ अभियंता एटीएम-प्रथम, कोटा पूजा कटियार से सवाल किया कि क्या आप इन फर्मों के कार्य और कार्य प्रणाली से संतुष्ट है-
जवाब: कनिष्ठ अभियंता एचटीएम-प्रथम, कोटा पूजा कटियार का बयान- हां, मैं फर्म की कार्य प्रणाली से पूर्ण रूप से संतुष्ट नहीं हूं। क्योंकि फर्म ने जो सुपरवाईजर नियुक्त किए हैं, उन्हें कोई अनुभव नहंी था, कार्यों को सही कराने के लिए लगातार बोलना पड़ता था, फिर भी सुधार नहीं होता था।
केस नंबर-5
सवाल: जांच टीम द्वारा कोटा शहर में मैसर्स ओरियन्टल सैल्स, मैसर्स बजाज इलेक्ट्रिकल्स और मैसर्स एसएमएस इन्फ्रास्ट्रक्चर द्वारा किए गए कार्यों का निरीक्षण करने के बाद कार्यों का सुपरविजन का कार्य देख रही कनिष्ठ अभियंता तलवन्डी, कोटा शशि मीणा से सवाल किया कि क्या आप इन फर्मों के कार्य और कार्य प्रणाली से संतुष्ट है-
जवाब: कनिष्ठ अभियंता तलवन्डी, कोटा शशि मीणा का बयान- हां, मैं फर्म की कार्य प्रणाली से पूर्ण रूप से संतुष्ट नहीं हूं। फर्म ने कभी मेरे बताए अनुसार कार्य नहीं किए।