जयपुर। जेडीए के जोन-11 के तत्कालीन प्रवर्तन अधिकारी श्ौलेन्द्र सिंह की ओर से 2०12 में अवैध निर्माण को लेकर पेश किए गए परिवाद को जेडीए कोर्ट-दो में जज डॉ. शक्तिसिंह श्ोखावत ने दूषित मानते हुए अभियुक्त सत्यनारायण शर्मा (58) निवासी ग्राम केशोपुरा, अजमेर रोड जयपुर को दोषमुक्त कर दिया। कोर्ट ने आदेश में कहा कि प्रवर्तन अधिकारी को निर्माण कितना पुराना था की जानकारी ही नहीं थी अर्थात जिनके द्बारा मौका देखा गया, नोटिस दिया गया, जिनके द्बारा आरोप लगाया गया, उन्हें ही विवादित स्थल जिसका नोटिस दिया गया उसका पूर्णत: ज्ञान नहीं है। अदालत ने जेडीए के आरोप पत्र को भी गलत सिद्ध करार दिया है।
साथ ही कहा है कि कोई भी किसान अपने पशुओं के उपयोग में आने वाली वस्तुओं को रखने के लिए कोठरी वगैरहा बना सकता है। अदालत ने अवैध निर्माण करने के आरोपांे को साबित नहीं मानते हुए आदेश में कहा है कि जेडीए ने केवल मात्र संदेह की स्थिति के कारण यह परिवाद पेश किया है।
-यह था मामला
अभियुक्त की ओर से पैरवी करते हुए एडवोकेट ओम प्रकाश रंगजीका ने पैरवी करते हुए कोर्ट को बताया कि जेडीए ने प्रार्थी पर बिना स्वीकृति का निर्माण करने एवं ग्राउण्ड फ्लोर पर सैन्ट्रिग कर अवैध निर्माण करने का आरोप लगाया था। नोटिस दिए जाने के पश्चात उन्हें पक्ष रखने से पूर्व ही आरोप पत्र बनाया गया जो कि गलत था। प्रवर्तन अधिकारी को यह भी पता नहीं कि भूखण्ड किस साईड में देखता हुआ था। उसके साईड में क्या स्थित थ्ो की भी जानकारी नहींे थी।