जयपुर। जयपुर विकास आयुक्त गौरव गोयल ने बुधवार को मुख्यमंत्री जन आवास योजना के सफल क्रियान्वयन एवं ईडब्ल्यूएस, एलआईजी वर्ग के परिवारों को सस्ती दराें पर गुणवत्ता पूर्ण आवास उपलब्ध हो, इस हेतु जेडीए के वरिष्ठ अधिकारियों एवं उपायुक्तों के साथ बैठक कर मुख्यमंत्री जन आवास योजना के विभिन्न प्रावधानों के अंतर्गत निर्मित आवासों एवं भूखण्डों के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए हैं।
बैठक में निर्देशित किया गया कि मुख्यमंत्री जन आवास योजना का मूल उद्देश्य ईडब्ल्यूएस, एलआईजी वर्ग के परिवारों को सस्ती दरों पर गुणवत्तापूर्ण आवास भूखण्ड उपलब्ध करवाना है, विकासकर्ताओं द्वारा नियमों की पालना नहीं करने पर उनके विरूद्ध सख्त कार्यवाही अमल में लायी जायेगी।
बैठक में बताया गया कि मुख्यमंत्री जन आवास योजना के विभिन्न प्रावधानों के अंतर्गत निर्मित आवासों एवं भूखण्डों की योजनाओं में जविप्रा एवं राज्य सरकार द्वारा भूमि कनवर्जन, भवन मानचित्र आदि चार्जेज में छूट दी गई। ऎसे प्रकरणों में निजी विकासकर्ताओं द्वारा स्वयं आवेदन पत्र आमंत्रित कर स्थानीय निकाय के प्रतिनिधि की उपस्थिति में लॉटरी से आंवटन किया जाना है।
ऎसे प्रकरणों की सूचना उपायुक्तों द्वारा इकजाई कर मुख्यमंत्री जन आवास योजना के नोडल अधिकारी के माध्यम से जयपुर विकास आयुक्त को प्रस्तुत की जाये। जिन विकासकर्ताओं द्वारा लॉटरी से आंवटन प्रक्रिया की पालना नहीं की है, उन प्रकरणों में संबंधित विकासकर्ताओं पर पेनल्टी लगाते हुए जेडीए द्वारा दी गई शिथिलताएं छूटें निरस्त की जाएंगी।
जेडीसी ने निर्देश दिए कि मुख्यमंत्री जन आवास योजना के विभिन्न प्रावधानों के अंतर्गत निर्मित आवासों एवं भूखण्डों की योजनाओं का चाटर्ड एकाउटेंट्स का पैनल बनाकर ऑडिट करवाई जाये। मुख्यमंत्री जन आवास योजना के तहत निर्मित सभी तरह के आवासों भूखण्डों की मॉनिटरिंग उपायुक्त स्तर पर की जाएगी।
उपायुक्तों को निर्देश दिए कि अपने-अपने जोन क्षेत्र में जविप्रा स्तर पर ईडब्ल्यूएसध्एलआईजी फ्लेट्स के निर्माण हेतु अधिक से अधिक भूमि का चिन्हि्करण किया जाये, जिस पर जेडीए द्वारा मुख्यमंत्री जन आवास योजना के प्रोविजन 4ए के अंतर्गत आवास बनाकर सस्ती दरों पर ईडब्ल्यूएस, एलआईजी वर्ग के परिवारों को उपलब्ध करवाये जा सकें।