जयपुर। परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने विधानसभा में कहा कि राज्य सरकार रोडवेज कर्मचारियों के बकाया पेंशन परिलाभों के भुगतान समेत उनकी विभिन्न मांगों के लिए संवेदनशील है। वित्त विभाग के साथ बैठक कर इनका रास्ता निकाला जाएगा और इसी मंशा से उनकी मांगों को जनघोषणा पत्र का हिस्सा बनाकर सरकारी दस्तावेज का रूप दिया गया है। उन्हाेंने बताया कि रोडवेज के घाटे के वास्तविक कारणों को जानने के लिए रोडवेज के कर्मचारियों-अधिकारियों की एक ज्वांइट कमेटी गठित की गई है।

परिवहन मंत्री सदन में विधायकों की ओर से इस सम्बन्ध में पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि रोडवेज का सवाल राजस्थान से जुड़ा गंभीर प्रश्न है। आज भी गांव का गरीब आदमी इंतजार करता है कि सरकारी बस आएगी आएगी, लेकिन पिछली सरकार को रोडवेज और उसके कर्मचारियों की िंचता नहीं थी। उन्होंने रोडवेज के घाटे के लिए पूर्व सरकार को जिम्मेदार बताया। पिछले पांच वर्ष में रोडवेज का घाटा कुल 3160 करोड़ रूपए हो चुका है। रोडवेज का कर्मचारी दुखी है। लोक परिवहन सेवा के 1133 परमिट जारी कर दिए गए जिसमें करोड़ों का घोटाला हुआ। उन्होेंने कहा कि विभाग में पिछले छह माह के निर्णयों की समीक्षा की जा रही है। साथ ही लोक परिवहन सेवा के परमिट जारी करने पर रोक लगा दी गई है।

परिवहन मंत्री ने कहा कि रोडवेज को घाटे से कैसे उबारा जाए, कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के परिलाभ समय पर कैसे मिलें, वित्त विभाग के साथ बैठकर इसका रास्ता निकाला जाएगा। भ्रष्टाचार के कारणों की जांच भी होगी क्याें कि पिछले पांच साल में ऎसा क्या हुआ कि न तो बसें बढ़ीं, न कर्मचारियेां को पेंशन मिली, न नए रूट खुले, इस घाटे की जिम्मेदारी तय की जाएगी।

इससे पूर्व उन्होंने विधायक निर्मल कुमावत के मूल प्रश्न का जवाब देते हुए कहा कि राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम के अप्रेल, 2015 के बाद (31 दिसम्बर, 2018 तक) 3964 कर्मचारी सेवानिवृत्त हुये हैं। वर्तमान में लगभग 3000 कर्मचारियों का 238 करोड रूपये के सेवानिवृत्त परिलाभों का भुगतान बकाया है। निगम की रोकड़ तरलता की उपलब्धता के आधार पर भविष्य में सेवानिवृत्त के समय पर ही सेवानिवृत्त कर्मचारियों को उनके परिलाभों का भुगतान किए जाने पर विचार किया जा सकेगा। सेवानिवृत्त होने वाले कर्मियों को पेंशन परिलाभ देने हेतु वित्त पोषण की आवश्यकता होगी । वित्त विभाग से चर्चा के उपरांत इस हेतु कार्य योजना बनाए जाने पर विचार किया जा सकेगा।

परिवहन मंत्री ने जयपुर स्थित डीलक्स आगार में अप्रेल, 2015 के बाद सेवानिवृत्त कर्मचारी एवं उनके बकाया भुगतान एवं डीलक्स आगार के अधिकारी अथवा कर्मचारी जो कि सेवानिवृत्त परिलाभों के भुगतान हेतु न्यायालय में गये उनका एवं उनके भुगतान का विवरण सदन के पटल पर रखा। उन्होंने कहा कि माननीय न्यायालय द्वारा निगम में सेवानिवृत्त कर्मचारियों को उनकी वरीयता के आधार पर भुगतान करने के निर्देश दिये हैं। वित्तीय संसाधन की उपलब्धता होने पर निगम के अधीनस्थ डीलक्स व अन्य आगार व यूनिटस के सेवानिवृत्त कर्मचारियों के बकाया परिलाभों का भुगतान उनकी वरीयता के आधार पर किया जाना सम्भव हो सकेगा।

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