जयपुर। जिला जज आरडी रोहिला के पिता और भाई को घर में घुसकर गोली मारकर हत्या करने के बहुचर्चित मामले में कोर्ट आज फैसला सुना सकती है। सीबीआई मामलात की विशेष कोर्ट क्रम संख्या तीन जयपुर के जज प्रहलाद राय शर्मा इस हत्याकांड पर आज आदेश देंगे। हत्याकांड के शिकार खेमचंद रोहिला और उनके पुत्र गिर्राज प्रसाद रोहिला थे। वे दोनों ही वकालत करते थे। जमीनी विवाद और रंजिश में हत्याकांड को अंजाम दिया गया था। हमलावरों ने घर के दूसरे सदस्यों पर भी जानलेवा हमला किया था, हालांकि वे बच गए।
भरतपुर के कामां में रहने वाले खेमचंद रोहिला, उनके बेटे गिर्राज प्रसाद के घर पर हमलावर हथियारों से लैस होकर 29 जुलाई, 2010 को घुसे और खेमचंद रोहिला, गिर्राज प्रसाद को गोली मार दी। हमलावरों ने गिर्राज की पत्नी अंजू, मां विद्या देवी, भाई राजेन्द्र, उसकी पत्नी प्रमिला समेत अन्य पर भी गोलियां दागी और धारदार हथियारों से हमला किया। गोली की आवाज सुनकर आस-पास के लोग जमा हुए तो हमलावर भाग गए। हमलावर पकड़े नहीं गए तो अंजू देवी ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करके हमलावरों की गिरफ्तारी और मामले की जांच सीबीआई से करवाने की गुहार की। कोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने मामले में जांच शुरु की। जांच में सामने आया कि जमीनी विवाद और रंजिश के चलते राम सिंह जाटव के बेटों और रिश्तेदारों ने इस हत्याकांड को अंजाम दिया।
जांच में सामने आया कि रामसिंह जाटव का आतिशबाजी का कारखाना था, जिसमें परिवार के सभी लोग काम करते थे। 11 जून 2010 को पुलिस ने राम सिंह जाटव, पत्नी सुशीला, बेटियों मीनू और विजय के खिलाफ आयुध अधिनियम में मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया। पुलिस को इसकी शिकायत रोहिला परिवार ने की थी। इससे दोनों परिवारों में रंजिश बढ़ गई। हत्याकांड के बाद आरोपी फरार हो गए। पुलिस ने रामसिंह जाटव की बेटियों मीरा, विजय और बेटे पदम सिंह व डालचन्द को गिरफ्तार करके चालान पेश किया। मामले में परसाराम, प्रवीण जाटव भगौडा है और उन पर दो-दो लाख रुपए का ईनाम घोषित है। मामले में आरोपी पक्ष भाई-बहन है। पीडित पक्ष और आरोपियों के बीच लम्बे समय से जमीनी विवाद चल रहा था और कोर्ट में मुकदमें भी लंबित है।