जयपुर. क्वींस रोड स्थित कान्हा रेस्टोरेंट के कर्मचारी अभिनंदन पांडेय (42) ने जहर खाकर सुसाइड कर लिया था। अब अभिनंदन का सुसाइड नोट और मौत से पहले के दो वीडियो सामने आए हैं। वीडियो में युवक ने रोते हुए कहा कि उसे बहुत परेशान किया जा रहा है। पैसा नहीं दिया गया है। दो दिन से बाहर नहीं जाने दिया जा रहा। खाना नहीं खाया। दरअसल, अभिनंदन भरतपुर के भुसावर इलाके का रहने वाला था। जयपुर के चित्रकूट इलाके में क्वींस रोड स्थित रेस्टोरेंट में वह ड्राइवर था। 17 दिसंबर को उसने जहर खाकर सुसाइड कर लिया था। उसने रेस्टोरेंट के यूनिट हेड अंकित मेहता, मैनेजर मोहन स्वामी, सुपर वाइजर चांद बाबू खां, हेड कैशियर अभिमन्यु दुबे और धर्मेंद्र को सुसाइड का जिम्मेदार बताया। चित्रकूट पुलिस ने खुदकुशी के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया है। अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं की गई है। अभिनंदन का बड़ा भाई कुलदीप कान्हा रेस्टोरेंट की दुर्गापुरा ब्रांच में 6 साल से काम कर रहा है। कुलदीप ने ही अभिनंदन की नौकरी बतौर ड्राइवर लगवाई थी। शनिवार को चित्रकूट शाखा पर कोई ड्राइवर नहीं था, इसलिए दुर्गापुरा शाखा से अभिनंदन के भाई कुलदीप को बुलाया गया था। शनिवार को कुलदीप चित्रकूट में ही था। शाम को अभिनंदन ने अपने कमरे में सुसाइड नोट लिखा और वीडियो बनाकर जहर खा लिया। इसके बाद वह भाई कुलदीप के पास पहुंचा और बेहोश हो गया। कुलदीप उसे सवाई मान सिंह अस्पताल ले गया। इलाज के दौरान अभिनंदन की मौत हो गई। अभिनंदन पिछले 22 महीनों से कान्हा रेस्टोरेंट में ड्राइवर था। रेस्टोरेंट के ऊपर ही सभी कर्मचारियों के आवासीय कमरे बने हैं। सभी कर्मचारी उन्हीं कमरों में रहते हैं। अभिनंदन भी वहीं रहता था और उसकी पत्नी ममता पांडे (36), बेटी कुमकुम (13), खुशी (10) और बेटा यश (8) भरतपुर के भुसावर में रहते हैं।
-ये लोग अपनी आदतों से बाज नहीं आए
सुसाइड नोट में अभिनंदन ने लिखा मैं अभिनंदन पांडेय, गांव भुसावर जिला भरतपुर का रहने वाला हूं। मैं सांवरिया स्वीट्स प्राइवेट लिमिटेड कान्हा वैशाली नगर में 2 साल से ड्राइवर हूं। मुझे यहां बहुत परेशान किया जा रहा है। मुझे यूनिट हेड अंकित मेहता, मैनेजर मोहन स्वामी, सुपर वाइजर चांद बाबू खां, हेड कैशियर अभिमन्यु दुबे और धर्मेंद्र ने बहुत परेशान और टॉर्चर किया है। गालियां देना, मारना पीटना, हर रोज चांद बाबू, अभिमन्यु मेरी शिकायत करते थे। मैंने इनके बहुत हाथ-पैर जोड़े, लेकिन ये लोग अपनी आदतों से बाज नहीं आए। इसलिए मुझे यह कदम उठाना पड़ रहा है।

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