जयपुर। सुप्रीम कोर्ट के फिल्म निर्देशक संजय लीला भंसाली की फिल्म पदमावत को देशभर में रिलीज करने और राजस्थान समेत चार राज्यों में सरकारों द्वारा लगाई गई रोक को हटाने के आदेश के बाद राजपूत संगठनों के पदाधिकारियों व राजपूत नेताओं की दिनभर बैठकें चलती रही। श्री राजपूत करणी सेना ने सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश को चैलेंज करने का फैसला किया है।
इस संबंध में करणी सेना के पदाधिकारियों की बैठक हुई। सुप्रीम कोर्ट के आदेश की समीक्षा के लिए पांच सदस्यीय एक कमेटी बनाई गई है, जिसमें करणी सेना के अध्यक्ष अजीत सिंह मामडोली, पूर्व मंत्री राधेश्याम सिंह तंवर, सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट ए.पी.सिंह व लोकेन्द्र सिंह, एडवोकेट विक्रम प्रताप सिंह को शामिल किया है। करणी सेना के प्रदेशाध्यक्ष अजीत सिंह मामडोली ने कहा कि केन्द्र सरकार को राजपूत समेत सर्व समाज की भावनाओं को कद्र करते हुए इस फिल्म पर राष्ट्रव्यापी बैन लगाया चाहिए।
पांच सदस्यीय कमेटी सुप्रीम कोर्ट के आदेश को याचिका लगाकर चुनौती देंगी और कोर्ट से इतिहास से छेड़छाड़ करने वाली इस फिल्म पर रोक लगाने की गुहार करेगी। मामडोली ने कहा कि राजस्थान के राजपूत मंत्रियों और विधायक इस मामले में समाज का पक्ष रखने में विफल रहे हैं। करणी सेना और समाजबंधु पीएम नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिखकर समाज की भावनाओं से अवगत कराएंगे।