Issuance of challan of Rs 16 lakh in Sapu sub-case against deputy postman and agent

जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने करौली जिला प्रमुख को निलंबित करने के राज्य सरकार के आदेश को रद्द कर दिया है। इसके साथ ही अदालत ने याचिकाकर्ता को तत्काल जिला प्रमुख का चार्ज लेने को कहा है। न्यायाधीश एसपी शर्मा की एकलपीठ ने यह आदेश अभयकुमार मीणा की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए।

याचिका में कहा गया कि वह वर्ष 2015 में जिला प्रमुख निर्वाचित हुआ था। वहीं वर्ष 2017 में उसके खिलाफ किरोडी लाल मीणा की ओर से फर्जी दस्तावेज और गलत नाम से चुनाव लडऩे की शिकायत पंचायती राज विभाग में की गई। इस पर राज्य सरकार की ओर से याचिकाकर्ता के खिलाफ कोतवाली थाने में एफआईआर दर्ज कराई। जिसमें जांच कर पुलिस ने अदालत में आरोप पत्र पेश कर दिया। इस आधार पर गत 15 मई को राज्य सरकार ने उसका जिला प्रमुख के पद से निलंबन कर दिया और निलंबन काल में जिला प्रमुख के तौर पर किसी भी कार्रवाई में भाग लेने से इंकार करते हुए उप जिला प्रमुख को कार्यभार दे दिया। जिसे याचिका में चुनौती देते हुए कहा गया कि चुनाव पूर्व की नियोग्यता के लिए एफआईआर दर्ज कराई गई है।

जिसमें याचिकाकर्ता पर आरोप तय हुए बिना उसे निलंबित नहीं किया जा सकता। इसके अलावा याचिकाकर्ता पर चुनाव याचिका दायर कर कार्रवाई की जा सकती थी। ऐसे में पंचायती राज अधिनियम की धारा 38(4) के तहत याचिकाकर्ता पर निलंबन की कार्रवाई नहीं हो सकती है। वहीं जिस अंक तालिका को फर्जी बताया जा रहा है, उसे माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने वैध बताया है। जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने याचिकाकर्ता का निलंबन रद्द करते हुए उसे तत्काल जिला प्रमुख का चार्ज लेने के निर्देश दिए हैं।

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