जयपुर। राजस्थान पुलिस को दागदार करने का एक मामला जोधपुर में सामने आया है। जोधपुर शहर के एक थानेदार ने एनडीपीएक्स मामले में आरोपी पति की रिहाई और केस कमजोर करने के नाम पर उसकी पत्नी की अस्मत मांग ली। पहले ही एक लाख रुपए ले चुका थानेदार गश्त समय में ही पीडिता के घर पहुंच गया, लेकिन पीडिता ने थानेदार के मंसूबे पहले ही भांपते हुए एसीबी को सूचना दे दी थी। उसके पहुंचते ही घर के बाहर जाल फैला बैठी एसीबी टीम ने भी उसके कमरे में पहुंचते ही थानेदार कमल दान चारण को धर लिया। उसके कब्जे से एक लाख रुपए का चेक भी मिला है, जो उसने पीडिता से लिया था।
आरोपी थानेदार राजीव गांधी नगर थाने में टीआई था। अफीम के एक मामले में एक जने को गिरफ्तार किया था। गाड़ी व अफीम के साथ पकड़े गए इस शख्स की पत्नी थानेदार कमल दान से मिली तो उसने गाड़ी छोडऩे के लिए एक लाख रुपए लिए और एक लाख का चेक बतौर अमानत रखा। बाद में वह आरोपी शख्स की पत्नी पर डोरे डालने लगा और दोस्ती के बहाने उसने जिस्मानी संबंध बनाने की कहने लगा। वह वाटसअप और मोबाइल फोन पर संबंध बनाने का दबाव डालने लगा। यह देखकर उसने एसीबी को शिकायत दी।
– आज गश्त है, एंजॉय करने आऊंगा
मंगलवार को टीआई कमलदान चारण ने पीडिता को फोन करके कहा कि आज रात गश्त है। मैं आपके घर आ रहा हूं। एंजॉय करने के लिए। रात नौ बजे थानेदार कमलदान पीडिता के घर पहुंचा और उसने कमरा बंद कर लिया। इससे पहले घर के बाहर एसीबी टीम पूरी तैयारी के साथ मौजूद थी। जैसे ही वह कमरे में घुसा, एसीबी टीम वहां पहुंच गई और दरवाजा खटखटाया। दरवाजा खोला तो एसीबी टीम को देखकर भौंचक्का रह गया। टीम ने उसकी जेब से एक लाख का चेक भी बरामद किया है। जिसने इस मामले के बारे में सुना वो पुलिस अफसर को भला बुरा कह रहा है।
जब रक्षक ही भक्षक हो तो फिर क्या किया जा सकता है लेकिन तारीफ करनी पड़ेगी बहादुर महिला कि जिसने हिम्मत दिखाई ।