– विधायक हनुमान बेनीवाल ने तांगा दौड़ शुरु करवाने के लिए बुलाई आमसभा, जनता को 9 अगस्त को खरनाल पहुँचने का किया आह्वान
नागौर.नागौर जिले के मुंदीयाड़, खरनाल , कुम्हारी- बासनी तथा रोल मे होने वाले धार्मिक मेलो मे होने वाली पारम्परिक तांगा दौड़ को पुन: शुरू करवाने के लिए आगामी 9 अगस्त को जोधपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित खरनाल ग्राम मे लोक देवता तेजाजी महाराज की जन्म स्थली खरनाल ग्राम मे स्थानीय ग्राम वासियों और मंदिर समिति की तरफ से होने वाली आम सभा मे सभी अधिक से अधिक संख्या मे पहुँचे ताकि धार्मिक आस्था और परम्परा को जीवित रखने के लिए निर्णय लिया जा सके यह बात खिंवसर से निर्दलीय विधायक हनुमान बेनीवाल ने सोमवार को जारी प्रेस बयानो मे कही |
विधायक हनुमान बेनीवाल ने कहा की तमिलनाडु मे पोंगल पर्व होने वाले जल्लिकट खेल को उच्च न्यायालय के स्थगन आदेश के बावजूद वहाँ की सरकार ने जन भावना को मध्य नज़र रखते हुए अध्यादेश लाकर पुन: शुरू कर सकती है तो तांगा दौड़ को राज्य सरकार द्वारा अध्यादेश लाकर पुन: शुरू करना जनता की भावनाओ का सम्मान होगा | विधायक ने कहा की सरकार ने वहाँ खेल को पुन: शुरू करने हेतु हुए जन आंदोलन की भावना को देखते हुए आपातकालीन अध्यादेश को पायर्ट किया और केंद्र सरकार के विधि, सांस्कृतिक और गिरह मंत्रालय ने भी जल्लिकट को पुन: शुरू करवाने की सिफारिश राष्ट्रपति से की थी और सुप्रीम कोर्ट मे भी सरकार के अटॉर्नी जनरल ने कहा की न्यायालय किसी भी फ़ैसले को देने से पहले तमिलनाडु की जनता की धार्मिक भावनाओ को ध्यान मे रखे | बेनीवाल ने जल्लिकट शुरू करने को लेकर प्रधानमंत्री द्वारा दिए गये बयानाओ पर प्रकाश डालते हुए कहा की उन्होने कहा था की हम तमिल संस्कृति का सम्मान करते है और तमिल लोगो की जन भावना को ठेस नही पहुँचाई जाएगी ऐसे मे राजस्थान सरकार को भी तत्काल नागौर के इन मेलो मे होने वाली तांगा दौड़ को पुन: शुरू करने हेतु अध्यादेश लाना चाहिए |
100 वर्षो से अधिक पुरानी धार्मिक आस्था पर चोट है तांगा दौड़ को बंद करना
विधायक बेनीवाल ने बताया की नागौर जिले के मुंदीयाड़ मे गणेश जी का मेला, खरनाल मे लोक देवता तेजाजी महाराज का मेला, कुम्हारी- बासनी मे बालापिर का मेला तथा रोल के उर्स मे तांगा दौड़ 100 सालो से अधिक पुरानी है जिसमे जनता की भावना और परम्परा जुड़ी है इसलिए यह तांगा दौड़ पारम्परिक सांस्कृतिक धरोहर का हिस्सा है | खिंवसर विधायक हनुमान बेनीवाल ने कहा की रेस कोर्स मे घोड़ो को व्यवसायिक तौर पर दौड़ाया जाता है, पोलो के मैदान मे घोड़ो को कैसे दौड़ाया जाता है वही कारो तथा मोटर साइकिलो की रेस भी देश मे होती है जिनमे कई हादसे हो चुके है जबकि इन तांगा दौड़ो के आज तक कोई हादसा नही हुआ क्यूंकी प्रशिक्षित कोचवाँ और स्वस्थ घोड़े ही तांगा दौड़ मे भाग लेते है और जल्लीकट मे भी सांड़ को विभिन्न गतिविधियो से भड़काया जाता है फिर लोग सांड़ से लड़ाई करते है |बेनीवाल ने कहा की देश के राष्ट्रपति भी विशेष अवसारो पर घोड़ो की बग्घी मे आते है और भारतीय सैना तथा पुलिस बाइदे मे भी घोड़े होते है इसलिए केवल नागौर जिले के मेलो की तांगा दौड़ पर पाबंदी लगाना आस्था के साथ चोट है | विधायक ने कहा की अगर सरकार को ज़रूरत महसुस हो रही है तो सक्षम न्यायालय मे एस एल पी दायर करके जनता की भावना और दौड़ मे किसी भी प्रकार की क्रूरता नही होने की बात से न्यायालय को अवगत करवाना चाहिए |