जयपुर। दहेज के लिए पत्नी अलका को प्रताडित करने एवं जहर खाकर उसे आत्महत्या के लिए मजबूर करने वाले अभियुक्त पति अशोक कुमार खत्री निवासी कैलाश नगर-झोटवाडा को शहर की महिला उत्पीडन एवं दहेज प्रकरण मामलों की विशेष अदालत क्रम-1 में जज अनूप कुमार पाठक ने दहेज हत्या के अपराध में आजीवन कारावास एवं कुल 2० हजार रुपए के जुर्मानें की सजा से दण्डित किया है। कोर्ट ने आरोपी ससुर सेना में एनसीओ के पद से रिटायर्ड गणपतराम योगी एवं सास विद्या देवी को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया। परिवादी की ओर से कोर्ट में एडवोकेट भंवर सिंह चौहान ने पैरवी की।

मामले के अनुसार मृतका के पिता गिरधारी लाल ने 14 मई, 2००9 को झोटवाडा थाने में दर्ज कराई रिपोर्ट में कहा था कि पुत्री अलका की शादी 31 जनवरी, 2००5 को अशोक के साथ की थी। शादी के बाद से ही अभियुक्तगण कम दहेज लाने की बात पर अलका के साथ मारपीट कर प्रताडित करते थे। रिपोर्ट में जेठ डॉक्टर रवि खत्री पर भी आरोप लगाये गये थे, लेकिन पुलिस ने रवि को आरोपी नहीं माना था। 13 मई, 2००9 को अलका के भाई विजय की शादी के बाद आशीर्वाद समारोह में भी उसे नहीं भेजा गया। कार व 2 लाख रुपए की डिमाण्ड पूरी नहीं होने तथा प्रताडनाओं से दुखी होकर अलका ने अपने दो बच्चों को छोडकर आशीर्वाद समारोह के दिन ही रात 8.3० बजे जहर खाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस ने पति अशोक को 16 मई, 2००9 को एवं सास-ससुर को गिरफ्तार कर कोर्ट में चालान पेश किया। कोर्ट ने अशोक को धारा 3०4 बी में एलआई व धारा 498 ए में 3 वर्ष का कठोर कारावास एवं 1०-1० हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई।

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