आदिवासी युवतियों की खरीद-फरोख्त पर कार्रवाई को लेकर अड़े

उदयपुर। राज्यसभा सांसद किरोड़ी मीणा ने उदयपुर जिला कलेक्ट्रेट में पड़ाव डाल दिया है।

वे सोमवार अपराह्न आदिवासी युवतियों को लेकर जिला कलेक्टर से मिलने पहुंचे। उनका मुद्दा यह है कि आदिवासी अंचल की युवतियों की खरीद-फरोख्त का खेल लम्बे समय से जारी है। यहां से आदिवासी युवतियों को गुजरात बेचा जाता है। वहां से खुद को बचाकर लौटीं युवतियों में से कई महिलाओं के बच्चे हो चुके हैं और कई नाबालिग हैं। इस खेल को लेकर लम्बे समय से कार्रवाई के आश्वासन मिलते रहे हैं, लेकिन कोई ठोस काम नहीं हुआ है। जिला कलेक्टर के कक्ष से बाहर आकर उन्होंने यह ऐलान किया कि जब तक कलेक्टर उन्हें ठोस रूप से आश्वस्त नहीं कर देते कि इस रैकेट को खत्म करने के लिए क्या त्वरित और बड़ी कार्रवाई की जाएगी और पीड़िताओं को क्या आर्थिक पैकेज दिया जाएगा, तब तक वे यहीं बैठे रहेंगे। इस ऐलान के साथ ही किरोड़ी मीणा ने कलेक्ट्रेट में पड़ाव डाल दिया।

हालांकि, किरोड़ी लाल मीणा के कलेक्ट्रेट पहुंचकर जिला कलेक्टर से मिलने की सूचना दोपहर से ही चल रही थी और उदयपुर में बरसों पहले कलेक्ट्रेट में पड़ाव डालने के अनुभव के मद्देनजर पुलिस का बंदोबस्त भी पूरा किया गया था, लेकिन किरोड़ी मीणा ने कलेक्टर कक्ष में एसपी को बुलाया और लंबी चर्चा के बाद बाहर आकर मीडिया के सामने वहीं बैठने का ऐलान कर दिया जिससे पूरे प्रशासन में हड़कम्प मच चुका है। फिलहाल खबर लिखे जाने तक किरोड़ी लाल मीणा कलेक्ट्रेट परिसर में ही हैं। अब गेंद प्रशासन के पाले में है कि वह क्या कदम उठाता है।

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