जयपुर। कर्ज माफी और स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें माने जाने की मांग को लेकर राजस्थान में किसान आंदोलन तेज हो गया। राज्य के आधा दर्जन जिलों में किसान सड़कों पर आ गए। आंदोलन तेज भड़कता देख सरकार ने किसानों से वार्ता के लिए पांच सदस्यीय मंत्रियों की समिति गठित की है । वार्ता मंगलवार को जयपुर में होगी। आंदोलन का सबसे अधिक प्रभाव सीकर और श्रीगंगानगर जिले मे नजर आ रहा है । सीकर में तो पिछले दस दिन से महापड़ाव ड़ालकर बैठे किसानों ने सोमवार को जिला कलेक्ट्रेट का घेराव करने के साथ ही जयपुर-सीकर-बीकानेर, सीकर-चूरू-हरियाणा राजमार्ग पर जाम लगा दिया। छोटे-छोटे कस्बों और गांवों के रास्त भी किसानों ने बंद कर दिए। जाम में काफी बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल हुई।
किसानों ने सरकार को साफ चेतावनी दी है कि मांगें नहीं माने जाने तक वे अपने घर नहीं जाएंगे। भारतीय किसान संघ के नेतृत्व में हो रहे किसान आंदोलन की अगुवाई पूर्व विधायक अमराराम और पेमाराम कर रहे हैं। निर्दलिय विधायक हनुमान बेनीवाल एवं राजपा नेता किरोड़ी लाल मीणा ने भी आंदोलन को समर्थन दिया है । श्रीगंगानगर में आंदोलन कर रहे किसानों को सोमवार को सामाजिक कार्यकर्ता योगेन्द्र यादव ने संबोधित किया, उन्होंने स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करने की मांग करते हुए कहा कि इस देश में किसानों के साथ अन्याय हो रहा है। बीकानेर, चूरू, झुंझुनूं जिलों में भी भारतीय किसान संघ के नेतृत्व में किसानों ने महापड़ाव डाल रखा है।
किसानों की विभिन्न मांगों को लेकर चल रहे आंदोलन ने आज और अधिक जोर पकड़ लिया है। किसान समन्वयक समिति ने आज राजस्थान में चक्काजाम की घोषणा की थी। जिसका व्यापक असर देखने को मिला है। शेखावाटी में पूर्णतया चक्काजाम है। कई जगहों पर बंद भी है। हर तरफ जाम से आवागमन थम गया है और झुंझुनूं, नवलगढ़, उदयपुरवाटी सहित कई क्षेत्रों में स्कूलों की भी छुट्टी कर दी गई है।