sonia gandhi

मुंबई. कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने आज कहा कि उन्होंने वर्ष2004 में मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री के तौर पर इसलिए चुना था क्योंकि उन्हें अपनी सीमाओं का ज्ञान था और वह जानती थीं कि मनमोहन इस पद के लिए एक बेहतर उम्मीदवार हैं। सोनिया मुंबई में आयोजित इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में बोल रहीं थीं।सोनिया ने कहा, “ मैं अपनी सीमाएं जानती थीं। मैं जानती थी कि मनमोहन सिंह मुझसे बेहतर प्रधानमंत्री साबित होंगे।”

पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष वर्ष2004 में संप्रग को सत्ता में लाने के बाद भी प्रधानमंत्री नहीं बनने के फैसले पर पूछे गए एक सवाल का जवाब दे रहीं थीं। रायबरेली से सांसद सोनिया ने कहा कि अगर उनकी पार्टी तय करती है तो वह वर्ष2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव में इसी निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ेंगी।

रायबरेली से चुनाव लड़ने के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा, “ पार्टी जो भी फैसला लेगी।” 71 वर्षीय सोनिया गांधी19 वर्षों तक कांग्रेस की अध्यक्ष रहीं। पिछले साल पार्टी के आंतरिक चुनाव के बाद उनके बेटे राहुल गांधी ने उनकी जगह ली। सोनिया गांधी ने पार्टी अध्यक्ष पद छोड़ने के बाद पहली बार बड़ी ही गहराई और गंभीरता के साथ आत्मावलोकन के लहजे में काफी व्यापक मुद्दों पर बातचीत की जिनमें उनके बच्चे, उनकी अपनी कमियां और भारत में लोकतंत्र की भूमिका जैसे मुद्दे शामिल थे।

राहुल को सलाह देने पर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा, “ वह अपनी जिम्मेदारी समझते हैं।यदि उन्हें जरूरत होगी तो मैं उनके साथ हूं। मैं आगे बढ़कर सलाह देने की कोशिश नहीं करती। वह पार्टी को पुनर्जीवित करने के लिए वरिष्ठ नेताओं के साथ कुछ नए चेहरों को पार्टी में लाना चाहते हैं।” उन्होंने कहा, “ वह युवा और वरिष्ठों में संतुलन चाहते हैं। लेकिन उन्होंने यह साफ कर दिया है कि वह पार्टी में वरिष्ठ नेताओं की भूमिका और योगदान को महत्व देते हैं।” साथ ही सोनिया ने कहा कि कांग्रेस को संगठन के स्तर पर लोगों से जुड़ने का नया तरीका विकसित करना होगा।
उन्होंने कहा, “ हमें यह भी देखना होगा कि हम अपने कार्यक्रमों और नीतियों को किस तरह से सामने रखते हैं।” सोनिया ने बहुत ही साफगोई से कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष का पद छोड़ने के बाद उन्हें अपने लिए ज्यादा समय मिलता है।
उन्होंने कहा, “ मेरे पास अपने लिए ज्यादा वक्त है.. पढ़ने और फिल्में देखने का। मैं, मेरी सास( इंदिरा गांधी) और पति( राजीव गांधी) के पुराने कागजों को सुव्यवस्थित कर रही हूं।

मैं उनका डिजिटलीकरण कराउंगी। ये कागज मेरी सास द्वारा उनके बेटे( राजीव) को लिखे गए पत्र और उनका जवाब हैं। वे मेरे लिए भावनात्मक तौर पर मूल्यवान हैं।” वर्ष2014 में भाजपा नीत राजग से कांग्रेस की हार पर उन्होंने कहा“ अन्य मुद्दों’’ के अलावा दो बार सत्ता में रहने के कारण संप्रग सरकार को सत्ता विरोधी लहर का सामना करना पड़ा। उन्होंने कहा, “ हम पिछड़ गए थे। नरेंद्र मोदी( प्रधानमंत्री) ने जिस तरह अपना प्रचार किया हम उसकी बराबरी नहीं कर पाए।” मोदी पर उन्होंने कहा, “ मैं उन्हें एक व्यक्ति के तौर पर नहीं जानती हूं। अटल बिहारी वाजपेयी( पूर्व प्रधानमंत्री) के कार्यकाल के दौरान हम धुर विरोधी थे। लेकिन हमने सही ढंग से काम किया।” प्रधानमंत्री को सलाह दिए जाने के बारे में पूछने पर सोनिया ने कहा, “ मैं उन्हें सलाह देने की हिमाकत नहीं कर सकती।

ऐसा करने के लिए उनके पास बहुत से लोग हैं।” उन्होंने उम्मीद जताई कि उनकी पार्टी वर्ष2019 में होने वाले चुनाव में फिर सत्ता में आएगी। उन्होंने कहा, “ हम भाजपा/ राजग को जीतने नहीं देने वाले हैं।” वर्ष2019 के चुनावों की कांग्रेस की तैयारी पर उन्होंने कहा कि वह नारों और खोखले वादों की शौकीन नहीं हैं। प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, “ लोगों से झूठ नहीं बोलें और वह वादे न करें जो पूरे नहीं कर सकते।” उन्होंने कांग्रेस द्वारा“ नरम हिंदुत्व” का रवैया अपनाने की बात को भी खारिज किया।गुजरात चुनाव में राहुल के मंदिर जाने पर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा, “ हमारे विरोधी हमें मुस्लिम पार्टी बताते हैं। हम पहले भी मंदिर जाते रहे हैं लेकिन हमने इसका दिखावा नहीं किया है।” पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम की गिरफ्तारी पर सोनिया ने कहा कि उन्हें मामले की विस्तृत जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा, “ इस सरकार द्वारा राजनीतिक विरोधियों को कमजोर करने का एक तरीका है उनके खिलाफ मामला शुरू करवा देना।”

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