अहमदनगर। महाराष्ट्र के कोपर्डी गांव में वर्ष 2016 में 15 वर्षीय एक लड़की के साथ बर्बरता से बलात्कार कर उसकी हत्या करने के दोषी तीन लोगों को एक सत्र अदालत ने आज मौत की सजा सुनायी। दोषियों को सजा मिलने के बाद बच्ची की मां ने कहा कि आज सही मायने में उनकी बेटी को न्याय मिला है। अतिरिक्त विशेष न्यायाधीश सुवर्णा केवले ने इस मामले में जितेन्द्र बाबूलाल शिंदे (25), संतोष गोरख भवाल (30) और नितिन गोपीनाथ भाईलुमे (23) को मौत की सजा सुनायी। न्यायाधीश ने 18 नवंबर को इन तीनों को बलात्कार, हत्या और आपराधिक षड्यंत्र का दोषी करार दिया था। विशेष सरकारी वकील उज्ज्वल निकम ने कहा कि यह सजा अपराधियों के लिए एक सीख होगी।मराठा समुदाय से ताल्लुक रखने वाली नौवीं कक्षा की छात्रा का शव अहमदनगर जिले के कोपर्डी गांव में 13 जुलाई, 2016 को मिला था। बलात्कार के बाद उसकी हत्या कर दी गयी थी। पुलिस ने बताया कि आरोपियों ने बच्ची की हत्या करने से पहले उसके पूरे शरीर पर घाव कर दिए थे और उसके हाथ-पैर तोड़ दिये थे।
घटना को लेकर मराठा समुदाय ने बड़ा विरोध प्रदर्शन किया था। उन्होंने पूरे प्रदेश में विरोध मार्च निकाले थे। समुदाय के विरोध प्रदर्शन और कांग्रेस, राकांपा सहित विभिन्न विपक्षी दलों द्वारा मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस के इस्तीफे की मांग किये जाने के बाद सरकार ने वरिष्ठ वकील उज्ज्वल निकम को अभियोजन पक्ष का वकील बनाया। निकम 26/11 मुंबई आतंकवादी हमले सहित कई हाई प्रोफाइल मामलों में वकील रह चुके हैं। अहमदनगर पुलिस ने इस संबंध में सात अक्तूबर को मामला दर्ज किया था। अदालत में मौजूद लड़की की मां ने उनकी बेटी को न्याय दिलाने के लिए सरकार, पुलिस, न्यायपालिका और मराठा समुदाय को धन्यवाद दिया। बच्ची की मां ने कहा, ‘‘मैं सरकार, पुलिस, न्यायपालिका और पूरे मराठा समुदाय को साथ आने और मेरी बेटी को न्याय दिलाने के लिए लड़ने की खातिर धन्यवाद देती हूं।’’ निकम का कहना है कि वह अदालत के फैसले से संतुष्ट हैं। उन्होंने पीटीआई से कहा, ‘‘यह फैसला अपराधियों को हतोत्साहित करने वाला साबित होगा।’’