अजमेर. अजमेर जिले के रूपनगढ़ में जमीनी विवाद मामले में गोली लगने से मजदूर की मौत के बाद परिवार सदमे में है। पत्नी सहित 4 बच्चे हॉस्पिटल के बाहर धरना देकर मुआवजे और आरोपियों को फांसी की सजा देने की मांग कर रहे हैं। मांग पूरी नहीं होने तक पोस्टमार्टम करवाने से मना कर दिया है। मृतक की पत्नी मांग करते हुए बोल रही है कि-उसका हीरो चला गया। एसडीएम पदमा देवी धरना स्थल पर पहुंची और समझाइश की। इसके बाद लिखित समझौता के बाद पोस्टमार्टम करवाने पर राजी हुए। वहीं मामले में पूर्व विधायक के बेटे भंवर सिनोदिया हत्याकांड के मुख्य आरोपी बलभाराम जाट का नाम सामने आया है। बलभाराम हाई सिक्योरिटी जेल में बंद है। बताया जा रहा है कि बलभाराम ने जेल से ही अपने भांजे के मोबाइल से एक दिन पहले पीड़ित को धमकाया था। पीड़ित को धमकी दी थी कि उसे जेल से धमकी दी गई थी की जमीन पर काम किया तो जान से जाओगे। अब पुलिस बलभाराम को भी लेकर भी जांच की तैयारी में है। वहीं मृतक शकील मोहम्मद का परिवार जेएलएन हॉस्पिटल की मॉच्यूरी के बाहर धरने पर बैठा है। मृतक की पत्नी आसमीन ने बताया- उसका पति सुबह 8 बजे घर से काम पर टिफिन लेकर निकला था। एक बजे खबर आई कि पति को गोली लग गई है। उसने बताया कि उसके चार बच्चे हैं। जिसमें से एक लड़का बोल नहीं सकता। पूरे परिवार की जिम्मेदारी शकील के ऊपर थी। उसका इस पूरे मामले में कोई लेना-देना नहीं था। वह बेवजह मर गया। शकील के चाचा मोहम्मद शफीक ने बताया कि वह रूपनगर के रामसर में रहते हैं। भतीजा शकील करीब 4 साल से रूपनगर में काम कर रहा था। रविवार सुबह भी वह काम करने के लिए गया था। इसका उस घटना में कोई लेना-देना नहीं था। तभी वहां कुछ लोग आए और फायरिंग शुरू कर दी, जिसमें शकील के गोली लग गई। इसके बाद उसकी मौके पर मौत हो गई। हमारी सरकार से मांग है कि शकील के परिवार को मुआवजा दिया जाए। इसके साथ ही आरोपियों को फांसी की सजा दी जाए। जब तक मांग पूरी नहीं होगी। तब तक पोस्टमार्टम नहीं करवाएंगे। धरना जारी रहेगा। रात से बच्चे भूखे- प्यासे बैठे हुए हैं। फायरिंग में ठेकेदार नारायण को भी जबड़े में गोली लगी थी, जिसका अजमेर के जेएलएन हॉस्पिटल में इलाज जारी है। गोली जबड़े से होते हुए रीड की हड्डी में जाकर फंस गई है। डॉक्टर की टीम की ओर से ऑपरेशन करके जल्द गोली को निकाला जाएगा। रूपनगर में फायरिंग में पूर्व विधायक के पुत्र भंवर सिनोदिया हत्याकांड के मुख्य आरोपी बलभाराम जाट का नाम भी सामने आया है। बलभाराम ने प्रदेश की सबसे सुरक्षित हाई सिक्योरिटी जेल से पीड़ित को एक दिन पहले अपने भांजे के मोबाइल से बात करते हुए धमकाया था। उसे जेल से धमकी दी गई थी की जमीन पर काम किया तो जान से जाओगे। इसका खुलासा रविवार देर रात रूपनगढ़ थाने में दर्ज हुई शिकायत से हुआ है। पुलिस ने अब बलभाराम को भी जांच के दायरे में लेने की तैयारी शुरू कर दी है। बलभाराम जाट का घटना में नाम सामने आने के बाद हाई सिक्योरिटी जेल की सुरक्षा पर फिर सवाल खड़े हो गए हैं। हालांकि पुलिस पड़ताल में सामने आया कि बलभाराम ने जेल पीसीआर से भांजे दिनेश चौधरी के मोबाइल पर कॉल कर धमकाया या जेल में अवैध रूप से मोबाइल का इस्तेमाल कर धमकी दी। यह पुलिस जांच के बाद स्पष्ट हो सकेगा।

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