नयी दिल्ली। वयस्कों में ताउम्र टीकों की जरूरत को लेकर किये गये एक सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है कि भारत में 43 प्रतिशत बालिगों को 18 साल से अधिक उम्र में भी टीकों की जरूरत के बारे में बिल्कुल जानकारी नहीं है या बहुत कम जानकारी है। 60 प्रतिशत वयस्कों ने कहा कि उन्हें सरकार की तरफ से वयस्कों के वैक्सीनेशन के बारे में कोई जानकारी प्रदान नहीं की गई है। आईपॉस मोरी द्वारा भारत के साथ ब्राजील, अमेरिका और इटली में 6002 वयस्कों पर कराये गये सर्वेक्षण में यह बात सामने आई कि इन देशों के 68 प्रतिशत बालिगों को उन टीकों की जानकारी ही नहीं थी जो उन्हें लगवाने की सलाह दी जाती है।
जीएसके द्वारा प्रायोजित सर्वेक्षण में सामने आया कि जीवन भर टीकाकरण करवाने को लेकर स्वास्थ्य पेशेवरों और वयस्क मरीजों के बीच संवाद का अभाव रहता है।छह जुलाई से 14 सितंबर के बीच कराये गये सर्वेक्षण में भारत के 6 शहरों (दिल्ली, कोलकाता, मुंबई, बेंगलुरू, हैदराबाद और चेन्नई) के 2,002 वयस्कों से बातचीत की गयी। इस सर्वेक्षण का लक्ष्य 18 साल और उससे अधिक उम्र के लोगों में ताउम्र टीकाकरण को लेकर क्या सोच है और उसे लेकर उनमें कितनी जागरूकता है, उसका पता लगाना है। सर्वे के मुताबिक भारत में 38 प्रतिशत लोग मानते हैं कि ये केवल बच्चों या शिशुओं के लिये है। 60 प्रतिशत वयस्कों ने कहा कि उन्हें सरकार की तरफ से वयस्कों के टीकाकरण के बारे में कोई जानकारी प्रदान नहीं की गई है। भारत में 26 प्रतिशत लोग मानते हैं कि यदि कोई तंदुरुस्त और स्वस्थ है तो उसे टीकाकरण की जरूरत नहीं। 43 प्रतिशत वयस्कों ने माना कि उन्हें वयस्क टीकाकरण के बारे में बहुत कम जानकारी है या बिलकुल भी जानकारी नहीं है।