-वन एवं पर्यावरण राज्य मंत्री ने लिया अभियान का जायजा, सिविल डिफेंस, एसडीआरएफ, नगरपालिका और पशुपालन विभाग के 150 से भी अधिक स्वयंसेवकों, कर्मचारी-अधिकारियों ने लिया अभियान में हिस्सा
-रतन सागर, झपोक डेम साइट पूरी तरह साफ, शाकम्भरी साइट पर जारी रहेगा अभियान
जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्देश पर शुक्रवार को सांभर झील क्षेत्र में घायल पक्षियों को रेस्क्यू करने के लिए 150 से भी अधिक स्वयंसेवकों, कर्मचारी अधिकारियों, चिकित्सकों के साथ दिनभर अभियान चलाया गया। इसमें 172 पक्षियों की जान बचाई गई। झील की रतन सागर, झपोल डेम साइट पूरी तरह से मृत पक्षियों से साफ कर दी गई हैं एवं शाकम्भरी साइट पर शनिवार को भी रेस्क्यू एवं मृत पक्षियों का सर्चिंग अभियान जारी रहेगा। मुख्यमंत्री के निर्देश पर वन एवं पर्यावरण राज्य मंत्री श्री सुखराम विश्नोई ने भी सांभर क्षेत्र का दौरा कर रेस्क्यू अभियान की कार्यवाही का जायजा लिया।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरूवार रात्रि में ही इस मामले में बैठक लेकर मृत पक्षियों के सुरक्षित वैज्ञानिक निस्तारण एवं घायल पक्षियों की त्वरित चिकित्सा के निर्देश दिए थे। वन एवं पर्यावरण राज्य मंत्री श्री विश्नोई ने पूरे अभियान के बारे में, लगाई गई टीमों, घायल पक्षियों को दिए जा रहे उपचार एवं मृत पक्षियों के निस्तारण की प्रक्रिया के बारे में जानकारी प्राप्त की। उन्होंने जिला प्रशासन, सिविल डिफेंस एंव अन्य टीमों के कार्य की प्रशंसा और हौसला अफजाई भी की।
जिला कलक्टर जगरूप सिंह यादव ने बताया कि सुबह से नागरिक सुरक्षा के 60 स्वयंसेवकों एवं एसडीआरएफ के 18 सदस्यों की टीमों ने बडे़ स्तर पर झील में घायल पक्षियों की तलाश एवं मृत पक्षियोें के शवों को एकत्र कर निस्तारण के लिए भेजे जाने का अभियान शुरू किया। उन्होंने बताया कि सभी पक्षी विशेषज्ञों की राय में और अधिक पक्षी मौत का शिकार नहीं हों इसके लिए सबसे जरूरी कार्य मृत पक्षियों के शवों को उठाकर उनका सुरक्षित निस्तारण किया जाना हैं। इसलिए रेस्क्यू टीमों ने मिलकर झील में रतन सागर के पीछे, झपोल डेम के अन्दर एवं शाकम्भरी साइट पर मृत पक्षियों की तलाश का काम किया। सबसे पहले रतन सागर में अभियान चला जहां करीब 15 पक्षी मृत मिले और 56 घायल पक्षियों को इस साइट से रेस्क्यू किया गया।