जयपुर। राजस्थान में लश्कर ए तैयबा आतंकी संगठन की आतंक गतिविधियों में दोषी करार दिए गए तीन पाकिस्तानी व पांच भारतीय नागरिकों को अपर जिला व सत्र न्यायाधीश क्रम सत्रह जयपुर महानगर के न्यायाधीश पवन गर्ग ने आज बुधवार को उम्रकैद की सजा सुनाई। जैसे ही कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई कुछ लश्कर के सहयोगियों के चेहरे उतर गए। जैसे ही कोर्ट कक्ष से बाहर आए तो मीडियाकर्मियों को देखकर दो-तीन अभियुक्त गिडगिडाने लगे कि वे बेकसूर है। उन्होंने कोई गुनाह नहीं किया। उन्हें गलत फंसाया है। वे ना तो किसी लश्कर से जुड़े है और ना ही कोई आतंकी गतिविधियों में काम किया। एक अभियुक्त तो सजा सुनकर सन्न रह गया और कोर्ट के बाहर टेबल पर बैठ गया।
वह भी बेकसूर होने की कह रहा था। हालांकि कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि सभी अभियुक्त देश में आतंक फैलाना चाहते थे और आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा से जुड़े हुए थे। कोर्ट ने पाकिस्तानी निवासी असगर अली उर्फ विजय, शकरउल्ला उर्फ मोहम्मद हनीफ व मोहम्मद इकबाल उर्फ दीसा निवासी के साथ राजस्थान में उनके सहयोगी बाबू उर्फ निशाचन्द्र अली, पवन पुरी उर्फ राजा, अरुण जैन, काबिल खां, हाफिज अब्दुल मजीद को आजीवन कारावास की सजा सुनाई और इनके खिलाफ प्रत्येक पर तीन-तीन लाख रुपए का हर्जाना भी लगाया है।