जयपुर। प्रदेश की वसुंधरा राजे सरकार की चौथी वर्षगांठ पर राजस्थान विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी ने आज पत्रकार वार्ता में ब्लैक बॉक्स जारी कर वसुंधरा शासन को काला अध्याय बताते हुए कहा कि यह कुराज प्रदेश की बड़ी राजनीतिक दुर्घटना है। डूडी ने कहा कि जब हवाईजहाज की दुर्घटना होती है तो ब्लैक बॉक्स में दुर्घटना के कारणों का डाटा रहता है, ठीक इसी तरह वसुंधरा शासन के खिलाफ जारी यह ब्लैक बॉक्स इस सरकार की विफलताओं का पुलिंदा है। डूडी ने कहा कि मुख्यमंत्री से उन्होंने 52 सवाल पूछे हैं, जिनका मुख्यमंत्री जवाब दें। डूडी ने कहा कि यह ब्लैक बॉक्स मुख्यमंत्री सहित पूरी मंत्रीपरिषद व भाजपा विधायकों को भी भेजा जाएगा ताकि उनकी भी आंखें खुले।
नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी ने मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को प्रदश में भय, भूख, भ्रष्टाचार और भटकाव के हालात पैदा करने के लिए दोषी ठहराते हुए कहा कि चार साल पहले विधानसभा चुनाव में भाजपा ने सुराज संकल्प पत्र जारी कर प्रदेश की जनता से 611 चुनावी वादे किये थे, लेकिन चार साल में चालीस फीसदी भी पूरे नहीं किये। डूडी ने कहा कि आज सरकार की चैथी वर्षगांठ है और इन चार सालों में सरकार काम में फिसड्डी रही है, आज से चुनावी वर्ष शुरू हो रहा है इसलिए मुख्यमंत्री के पास कुछ ही महीने बचे हैं। डूडी ने कहा कि सरकार अब जो भी घोषणाएं करेगी वह सिर्फ चुनावी कव्वाली होगा।
नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी ने कहा कि ब्लैक बॉक्स में 52 सवाल पूछे गये हैं, क्योंकि वसुंधरा सरकार ताश के पत्तों की तरह बिना बुनियाद की है। डूडी ने कहा कि प्रदेश में जनता की सैंकड़ों समस्याएं हैं, इन 52 सवालों में करीब ढ़ाई सौ सवालों का सारांश लेकर मुख्यमंत्री से चार साल का हिसाब मांगा गया है। डूडी ने कहा कि मुख्यमंत्री जवाब दें कि किसानों का संपूर्ण कर्ज माफी का क्या हुआ ? किसानों की आत्महत्या पर सरकार मौन क्यों है ? सिंचाई क्षेत्र में अंतर्राज्यीय जल समझौतों की पालना क्यों नहीं हुई ? मुख्यमंत्री ने इंदिरा गांधी नहर में दस हजार करोड़ रुपए लगाकर इसमें जहाज चलाने की घोषणा की थी, लेकिन आज भी यह नहर जीर्णोद्धार के लिए जूझ रही है, ऐसा क्यों है ? प्रदश में पिछले चार साल से किसानों को हर दिन क्यों आंदोलन करना पड़ रहा है ? ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट चार साल तक कागजों में क्यों रोका गया और अब चुनावी दौर में ही क्यों याद आया ? प्रदेश में 15 लाख सरकारी नौकरियों के वादे का क्या हुआ ? राज्य कर्मचारियों, आंगनबाड़ी कार्यकतार्ओं, विद्यार्थी मित्रों, होमगार्डों, दिव्यांगों, पुलिसकर्मियों सभी के साथ सरकार अन्याय क्यों कर रही है ?
नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी ने कहा कि प्रदश में एक साल में करीब 70 हजार नवजातों की मौत हो गई और सरकार मूकदर्शक बनी रही। प्रदेश मेंं महिला व दलित उत्पीड़न चरम पर है। सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं से पूरा प्रदश स्तब्ध है। डूडी ने कहा कि सरकार हर मोर्चे पर विफल रही है। कांग्रेस शासन में शुरू बड़े प्रोजेक्टों को दुर्भावनापूर्वक रोका गया है चाहे वह बाड़मेर में रिफाइनरी हो या बांसवाड़ा का रेल प्रोजेक्ट या फिर कोटा संभाग की परवन सिंचाई परियोजना या फिर जयपुर का मेट्रो प्रोजेक्ट का द्वितीय चरण। डूडी ने कहा कि द्रव्यवती नदी प्रोजेक्ट मुख्यमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट है लेकिन यह दिशाहीन है। ओडीएफ में 84 लाख शौचालयों के लक्ष्य पर सवाल उठते हुए डूडी ने कहा कि प्रदश में सिर्फ तीन प्रतिशत पेयजल आपूर्ति पाइपलाइन से है, बाकी अन्य स्त्रोतों पर निर्भर है, इसलिए सरकार पहले गांवों में पेयजल आपूर्ति तो पहुंचाये, उसके बिना यह लक्ष्य सिर्फ खानापूर्ति है। डूडी ने कहा कि यह सरकार सिर्फ भ्रष्टचार में नंबर-वन रही है। प्रदश में 45 हजार करोड़ रुपए का खान घोटाला हुआ, हजारों करोड़ रुपए का जलदाय विभाग घोटाला हुआ। प्रदश में सरकार ने ललितगेट कांड को दबाने की कोषिष की। डूडी ने मुख्यमंत्री के पुत्र दुष्यंत सिंह और ललित मोदी के व्यापारिक संबंधों पर सवाल उठाते हुए कहा कि धौलपुर महल की मिल्कियत का सच मुख्यमंत्री जनता के सामने रखे।
नेता प्रतिपक्ष ने रिसर्जेंट राजस्थान की विफलता, बिजली कंपनियों में घाटा जैसे मुद्दों पर श्वेतपत्र भी लाने की मांग की। उन्होंने कहा कि यह सरकार कभी काला कानून लाती है, कभी पं. दीनदयाल उपाध्याय को अशोक स्तंभ के बराबर दर्जा देने की कोशिश करती है, कभी हैरिटेज प्रोपर्टी को बेचने पर आमदा होती है। डूडी ने कहा कि पिछले चार साल में प्रदश में हजारों स्कूल बंद कर दिये गये। उच्च शिक्षा का बंटाधार कर दिया गया। सरकार प्रद्श को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिला सकी। नये जिलों का समय पर गठन नहीं कर सकी। ऐसे में यह सरकार प्रदेश में कुराज का एक काला अध्याय और बड़ी राजनीतिक दुर्घटना है। नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी ने कहा कि इन सभी सवालों का मुख्यमंत्री से विधानसभा में जवाब मांगा जाएगा और इन सवालों को प्रदेश के सभी 200 विधानसभा क्षेत्रों में प्रमुख कांग्रेसजनों को भिजवाकर सरकार को कठघरे में खड़ा किया जाएगा।