– रीको ने 118 उद्यमियों को 34 लाख वर्गमीटर सस्ते दामों पर दी, कोर्ट ने दिए जांच के आदेश
जयपुर। रीको की बेशकीमती जमीन सस्ती दरों पर नियम विरुद्ध तरीके से 118 उद्यमियों को आवंटित करने और इससे सरकार को अरबों रुपए की चपत लगने के मामले में कोर्ट ने पुलिस जांच के आदेश दिए हैं। पन्द्रह सौ करोड़ रुपए की 34 लाख वर्गमीटर जमीन को दस साल पहले चहेते उद्यमियों व फर्मों को आवंटित कर दी गई थी।
एमएम11 जयपुर मेट्रो अनिता मीना ने इस मामले में रीको के छह आला अफसरों के खिलाफ अशोक नगर पुलिस को सीआरपीसी की धारा 202 में अनुसंधान करने को कहा है, साथ ही इस मामले में एक सितम्बर 2018 तक नतीजा रिपोर्ट पेश करने को कहा है। कोर्ट ने परिवादी व परिवाद में लगाए आरोपों में प्राथमिक सुनवाई के बाद ये आदेश दिए। इस संबंध में अम्बाबाडी निवासी संजय गर्ग ने 15 जुलाई 2015 को कोर्ट में रीको के तत्कालीन चेयरमैन सुनील अरोड़ा, कमिश्नर पुरुषोत्तम अग्रवाल, एम डी राजेन्द्र भानावत, कमिश्नर इंडस्ट्रीज राजहंस उपाध्याय, सलाहकार इंफ्रा चेतन देवड़ा एवं उर्मिला राजोरिया सहित अन्य के खिलाफ परिवाद दाखिल किया था।
परिवाद में आरोप लगाया है कि रीको डिस्पोजल रूल्स-1979 के नियमों में गलत तरीके से संशोधन करके चहेती फर्मों व व्यापारियों को बेशकीमती जमीन सस्ते दामों पर आवंटित कर दी, जिससे सरकारी कोष को अरबों रुपए का नुकसान पहुंचा।