जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने भारतीय जीवन बीमा निगम में करीब 5 हजार करोड़ रुपए के कथित विज्ञापन घोटाले के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया है। मुख्य न्यायाधीश प्रदीप नान्द्रजोग और न्यायाधीश जीआर मूलचंदानी की खंडपीठ ने यह आदेश एसके सिंह की ओर से दायर याचिका को खारिज करते हुए दिए। अदालत ने माना कि याचिकाकर्ता ने विस्तृत पड़ताल किए बिना याचिका पेश की है।
एलआईसी के चेयरमैन वीके शर्मा सहित अन्य को पक्षकार बनाकर पेश इस याचिका में एलआईसी की ओर से वर्ष 2013 से अब तक करीब पांच हजार करोड रुपए के विज्ञापनों की बंदरबांट का आरोप लगाया गया था। याचिका में कहा गया कि एलआईसी से सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी गई थी कि एलआईसी की ओर से विज्ञापन किस नीति से दिए जाते हैं। जिसके जवाब में कहा गया कि विज्ञापन नीति के संबंध में उनके पास कोई रिकॉर्ड नहीं है। इसके अलावा एलआईसी की 59वीं वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार एलआईसी ने विज्ञापन और प्रचार के लिए 44 हजार 762 लाख रुपए खर्च किए हैं। ऐसे में मामले की प्रभावी जांच कराई जाए। जिसे खंडपीठ ने खारिज कर दिया है।