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ठाणे : महाराष्ट्र की एक जिला अदालत ने वर्ष 2013 में एक विवाहिता की हत्या के मामले में दंपति के दो किशोर बच्चों के बयान को सही ठहराते हुए 37 वर्षीय व्यक्ति को पत्नी की हत्या के जुर्म में उम्रकैद की सजा सुनायी है । जिला न्यायाधीश एच एम पटवर्धन ने यहां मुम्ब्रा उपनगर के रहने वाले बालासाहेब अमृत बसवंत को भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) के तहत दोषी ठहराते हुए उसे उम्रकैद की सजा सुनायी।

न्यायाधीश ने 10,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया। अभियोजन पक्ष की वकील वर्षा चांदने ने अदालत को बताया कि बसवंत और उसकी पत्नी (तब 35 वर्ष) के बीच विभिन्न मुद्दों को लेकर लड़ाई झगड़े होते थे। उन्होंने बताया कि 21 दिसंबर, 2013 को व्यक्ति की अपनी पत्नी से फिर लड़ाई हुई, जिसके बाद उसने अपनी पत्नी पर केरोसिन तेल डालकर आग लगा दी और घर से फरार हो गया।

दंपति के दो बेटे हैं जो नौवीं और 10वीं में पढ़ते हैं। दोनों बेटों ने व्यक्ति के खिलाफ अदालत में बयान दिया था। बच्चे ने बताया कि उसने और उसके भाई ने बड़ी मुश्किल से रस्सी खोलकर खुद को मुक्त कराया। उन्होंने अपनी मां को आग में जलते देखा था।

वकील ने बताया कि बाद में व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया गया था। बचाव पक्ष के वकील रामराव जगताप ने दलील दी कि गवाह (दोनों बच्चे) मामले में आरोपी को गलत तरीके से फंसाने की कोशिश कर रहे हैं। बहरहाल अदालत ने दोनों बच्चों के बयान को सही ठहराते हुए माना कि आरोपी ने ही उनकी मां को आग के हवाले किया था।

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