– सीएम अशोक गहलाेत ने पेपरलीक करने वालों को उम्रकैद की सजा करने का प्रावधान करने की घोषणा की है
जयपुर. राजस्थान में पेपरलीक करने वालों के खिलाफ गहलोत सरकार मौजूदा कानून को और कड़ा करने की तैयारी में है। सीएम अशोक गहलाेत ने पेपरलीक करने वालों को उम्रकैद की सजा करने का प्रावधान करने की घोषणा की है। इसके लिए विधानसभा के अगले सत्र में बिल लाया जाएगा। इसमे एंटी चीटिंग बिल में संशोधन करके उम्रकैद का प्रावधान किया जाएगा। सीएम ने कर्मचारी चयन बोर्ड की भर्ती प्रक्रिया को सुधारने के लिए मैकैनिज्म बनाने की भी घोषणा की है। सीएम की इस घोषणा को पेपरलीक पर सचिन पायलट की मांगों को मानने के संकेत के तौर पर देखा जा रहा है। इसे पायलट के साथ सुलह के फाॅर्मूले की शुरुआत के तौर पर देखा जा रहा है। सीएम गहलोत ने ट्वीट करके नकल करने वालों को उम्र कैद की सजा करने और भर्ती प्रक्रियाओं में सुधार की घोषणा की। सीएम ने लिखा- राज्य में प्रतियोगी परीक्षाओं में और पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से मुख्य सचिव को निर्देशित किया है कि आरपीएससी, डीओपी, आरएसएसबी और दूसरे हितधारकों के साथ चर्चा कर बेहतर प्रक्रिया तैयार करें। पेपरलीक के खिलाफ बनाए गए कानून में भी अधिकतम सजा का प्रावधान उम्रकैद करने के लिए आगामी विधानसभा सत्र में बिल लाने का फैसला किया है। गहलोत की इस घोषणा को पायलट की मांगों को मानने की शुरुआत के तौर पर देखा जा रहा है। पायलट ने आरपीएससी को भंग करके इसका पुनर्गठन करके आमूलचूल बदलाव करने की मांग की थी। अब तक पायलट की मांगों को गहलोत ने सिरे से खारिज कर दिया था। पायलट ने 11 से 15 मई तक पेपरलीक और बीजेपी राज के करप्शन के खिलाफ अजमेर से जयपुर तक पैदल यात्रा की थी। 15 मई को जयपुर में यात्रा खत्म करके सभा में पायलट ने सरकार के सामने तीन मांगें रखते हुए 15 दिन का अल्टीमेटम दिया था। अल्टीमेटम खत्म होने से पहले 29 मई को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी की मौजूदगी में गहलोत-पायलट की सुलह बैठक हुई थी। इस बैठक के बाद पायलट ने आंदोलन तो नहीं किया, लेकिन युवाओं से जुड़ी मांगों को छोड़ने से इनकार कर दिया था।
– पेपर लीक के नए कानून से कितनों को सजा दिलवाई
नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने ट्वीट कर कहा कि घोषणावीर मुख्यमंत्री अशोकजी, आपके शासन में 16 बार पेपर लीक होने का देशभर में रिकॉर्ड बन चुका है। फरवरी 2022 में सदन में राजस्थान सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) विधेयक 2022 लाकर आपने जो कानून बनाया था, उसके बाद भी कांस्टेबल भर्ती परीक्षा, टेक्निकल हेल्पर भर्ती परीक्षा, वनरक्षक परीक्षा, सेकंड ग्रेड परीक्षा का पेपर सरकार की नाक के नीचे लीक हुआ। राठौड़ ने कहा कि मुख्यमंत्री सबसे पहले यह बताएं कि नए कानून के तहत अब तक कितने पेपर लीक के आरोपियों को आपने पकड़ा और सजा दिलवाई है ? कितने आरोपियों की संपत्ति जब्त की और किन-किन संस्थाओं की मान्यता रद्द की है ? राठौड़ ने कहा कि राजस्थान में पेपर लीक होना तो परम्परा बन गई है। आरपीएससी जैसी संस्था की निष्पक्षता पर भी लगातार सवाल उठ रहे हैं। आरपीएससी सदस्य के रूप में बाबूलाल कटारा को नामजद करने वाले लोग अपने चेहरे की कालिख को मिटाना चाहते हैं जो संभव नहीं होगा।

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