जयपुर। उद्योग मंत्री  परसादीलाल ने कहा है कि प्रदेश में बजट 2019-20 में प्रस्तावित मुख्यमंत्री लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना के अन्तर्गत व्यक्तिगत ऋण के साथ संस्थाओं, एनजीओ, सोसायटीज को भी 10 करोड़ रुपए तक का ऋण प्रदान किया जा सकेगा। इसमें 8 प्रतिशत राशि अनुदान के रूप में दी जाएगी। इसके लिए प्रतिवर्ष 50 करोड़ रुपए का प्रावधान किया जा रहा है।
उद्योग मंत्री बुधवार को विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान इस सम्बन्ध में पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि भामाशाह रोजगार सृजन योजना में बैंकों द्वारा नॉन वायबल बताए जाने के कारण विधानसभा क्षेत्र फलौदी में कम आवेदन स्वीकृत हुए हैं। योजना में आवेदक को अधिकतम 25 लाख रुपए तक ही ऋण दिए जाने का प्रावधान था और इस योजना में चार वर्ष में मात्र 2 करोड़ रुपए ही अनुदान दिया गया।
उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा है कि नई प्रस्तावित योजना में अधिक से अधिक वर्गों, बेरोजगारों, संस्थाओं को ऋण मिल सके। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मुद्रा योजना का भी परीक्षण कर लिया जाएगा एवं प्रस्तावित योजना को सरलीकृत रूप में लागू करने के प्रयास किए जाएंगे ताकि अधिक से अधिक लोगों को इसका लाभ मिल सके।
इससे पहले विधायक  पब्बाराम के मूल प्रश्न के जवाब में उद्योग मंत्री ने बताया कि प्रदेश में भामाशाह रोजगार सृजन योजना का संचालन 13 दिसम्बर, 2015 से किया जा रहा है। इस योजनान्तर्गत राज्य के बेरोजगार नवयुवकाें, महिलाओं एवं अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग के व्यक्तियों को लाभान्वित किया जाता है। उन्होंने संबंधित मानदण्डों एवं नियमों की प्रति सदन के पटल पर रखी।
उन्होंने बताया कि इस योजनान्तर्गत विधानसभा क्षेत्र फलौदी में 31 मार्च, 2019 तक 1254 आवेदकाें द्वारा आवेदन किया गया तथा जिनमें से 320 आवेदकों को बैंकों द्वारा योजनान्तर्गत ऋण वितरित किया गया। उन्होंने इसकी सूची भी सदन की मेज पर रखी। उन्होंने बताया कि भामाशाह रोजगार सृजन योजना को बंद करने का निर्णय लिया गया है, जिसके स्थान पर नई योजना लाई जाएगी।

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