जयपुर। मालवीय नगर में गौरव टावर के सामने डी ब्लाक में जेडीए के शापिंग सेंटर की सड़क और फुटपाथ पर स्थानीय दुकानदारों का पूरी तरह से अवैध कब्जा हो चुका है। शापिंग सेंटर की दुकानों में ज्यादातर कैफे, रेस्टोरेंट, ढाबा चलाए जा रहे है जिन्होंने फुटपाथ से लेकर पार्किंग तक की जमीन कब्जा ली है। दिन में 12 बजे से लेकर रात 11 बजे तक रेस्टोरेंट्स कैफै और ढाबे पर आने वाले युवक-युवतियों के टू व्हीलर और फोर व्हीलर पूरी सड़क को जाम किए रहते हैं। यहां की एक दुकान में ढाबा चलाने वाले छाबड़ा ने तो हद ही कर दी। अपनी दुकान के बाहर फुटपाथ की जमीन पर पूरी तरह से कब्जा कर लिया है। फुटपाथ पर पूरी तरह से टेबल-कुर्सी लगा कर दोपहर से लेकर रात तक अवैध कब्जा कर रखा है। ढाबे पर आने वाले वाहनों की भीड़ पूरी गली को पार्किंग बना देती है। यहां तक कि सड़क पर चलने की जगह तक नहीं बचती। शनिवार और रविवार को तो हालात बेकाबू हो जाते हैं। ढाबे पर तो खड़े रहने तक की जगह नहीं होती। खाना खाने वालों को इंतजार करना पड़ता है, वहीं यहां आने वालों की गाड़ियों की अवैध पार्किंग पूरी सड़क को जाम कर देती है। ऐसे में आए दिन गाड़ियां भिड़ती रहती है।
कहने को तो टेकअवे पर असलियत खाने की पूरी सुविधा
छाबड़ा ने यहां कहने को तो टेक अवे के नाम से रेस्तंरा चला रखा है। ऐसी जगह पर आओ और सामान पैक करा कर ले जाओ की ही सुविधा रहती है। खाने की नहीं। असलियत में इसका विपरीत है। ढाबा संचालक ने फुटपाथ की पूरी की पूरी जमीन पर अवैध रुप से कब्जा कर वहीं पर खाना खाने की पूरी सुविधा दे रखी है। सारी समस्या ही खाना खिलाने की पूरी सुविधा देने के कारण ही हुई है। छाबड़ा ने यहां सबसे पहले ढाबा खोला। पहले तो यहां खाने की सुविधा नहीं थी बाद में खाली फुटपाथ देखकर पूरा का पूरा ढाबा खोल लिया। इसी तरह यहां चल रहे जीवीडी कैफे की भी यहीं स्थिति है। इस कैफे के संचालक ने भी दुकान के आगे की फुटपाथ पर कब्जा कर लिया है। यहां भी दिन भर साथ ही फूड डिलीवरी करने वालों ने पूरी सड़क को पार्किंग बना दिया है। यहां तो और भी बुरा हाल है। कैफे के बाहर सुबह 8 बजे से लेकर रात 11 बजे तक भीड़ लगी रहती है जिससे डी ब्लाक से आना जाना मुश्किल हो गया है। यहां पर तो कई बार झगड़े भी हो चुके हैं।
पुलिस, नगर निगम और जेडीए ने मूंदी आंखे
जेडीए के इस शापिंग सेंटर पर होने वाली इन अवैध गतिविधियों की तरफ जेडीए, नगर निगम और पुलिस ने भी आंखे मूंदी हुई है। इस शापिंग सेंटर से कुछ दूरी पर ही पुलिस चौकी है। पुलिस आती तो है लेकिन देख कर चक्कर लगा कर चली जाती है। जेडीए और नगर निगम ने भी इन दुकानदारों के अतिक्रमण को शह दे रखी है। जेडीए और निगम का अतिक्रमण निरोधक दस्ता शिकायतें होने पर जाता तो है लेकिन देख कर चक्कर लगा कर लौट जाता है। स्थानीय निवासियों ने भी शुरू शुरू में शिकायतें तो की लेकिन जब कोई कार्रवाई नहीं हुई तो वे भी थक हार कर बैठ गए।