मुंबई. 26/11 को हुए आतंकी हमले के बाद महाराष्ट्र पुलिस ने खुद को मिली 4600 बुलेट प्रूफ जैकेटों में से एक तिहाई यानी कुल 1430 जैकेटें निर्माता को वापस कर दी गयी हैं। ये जैकेटें इसलिए लौटाई गईं क्योंकि ये एके-47 गोली परीक्षण में असफल रही थीं।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (खरीद और समन्वय) वीवी लक्ष्मीनारायण ने बताया, एके-47 गोली परीक्षण में असफल रहने के कारण हमने 1400 से अधिक बुलेट प्रूफ जैकेट निर्माताओं को लौटा दी हैं। यह जैकेट कानपुर स्थित निर्माता कंपनी को वापस की गयी है जहां से यह तीन खेप में आयी थीं।

पुलिस विभाग ने कंपनी को 5,000 बुलेट प्रूफ जैकेट बनाने का आदेश दिया था। यह कंपनी अन्य केन्द्रीय सुरक्षा बलों को भी ऐसी जैकेट मुहैया कराती है। सीमा शुल्क ड्यूटी और अन्य शुल्कों के साथ 17 करोड़ रूपया दिये गये थे और 4600 जैकेटें मिली थीं। एक अन्य अधिकारी ने बताया कि चंडीगढ़ स्थित केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला में आयोजित परीक्षणों में करीब 3,000 जैकेटें ही जांच में पास हो सकीं। उन्होंने बताया कि 1,430 जैकेटों को इसलिए वापस कर दिया गया क्योंकि परीक्षण के दौरान एके-47 की गोलियां इनमें से हो कर गुजर गईं।
अधिकारी ने बताया, हमने निर्माता को नये माल से 1,430 जैकेटों को बदल देने को कहा। बुलेटप्रूफ जैकेट की गुणवत्ता और मानकों के साथ कोई समझौता नहीं होगा और हम उन बुलेटप्रूफ जैकेट की जांच के बाद ही निर्माता से माल लेंगे।
2008 में हुए आतंकी हमलों में एटीएस प्रमुख हेमंत करकरे की मौत के बाद बुलेट प्रूफ जैकेटों की गुणवत्ता पर एक बहुत बड़ा विवाद शुरू हो गया था। राज्य पुलिस को हमले के करीब नौ साल बाद, 2017 की अंतिम तिमाही में जैकेटों की खेप मिलनी शुरू हुई।

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