जयपुर। पर्यटन विभाग की ओर से मकर संक्रांति पर्व पर रविवार को जलमहल झील की पाल पर पतंग उत्सव होगा। उत्सव में सैलानी पतंगबाजी का लुत्फ उठाएंगे। सुबह ग्यारह बजे से होने वाले इस उत्सव में जयपुर के नामी-गिरामी पतंगबाजों और क्लबों के बीच काइट फेस्टिवल होगा। चार-चार पतंगबाजों की दो टीमों में पतंगबाजी का कम्पीटिशन होगा। इस मौके पर पतंग-डोर की प्रदर्शनी लगाई जाएगी। साथ ही पतंगबाज एक साथ कई पतंगे उड़ाएंगे। विभाग की ओर से देशी-विदेशी सैलानियों को पतंग-डोर उपलब्ध कराई जाएगी, जिससे वे पतंगबाजी का लुत्फ उठा सके। संक्रांति पर्व के पारंपरिक व्यंजन दाल की पकौड़ी, तिल के लड्डू व फीणी सैलानियों को परोसी जाएगी। उत्सव में लोक कलाकार कालबेलिया नृत्य, कच्ची घोड़ी नृत्य, मांगनियार गायन, कठपुतली, भवाई नृत्य की रंगारंग प्रस्तुति देंगे और ब्रज की होली खेली जाएगी।
पर्यटकों के लिए जलमहल की पाल पर नि:शुल्क ऊंट सवारी कराई जाएगी। ढूंढाड़ परिषद की ओर से शनिवार को चांदपोल के चारभुजा मंदिर में काइट फेस्टिवल का आयोजन किया गया। संस्था अध्यक्ष विजयपाल कुमावत ने बताया कि इस मौके पर जयपुर के पतंगबाजों ने पतंगबाजी के हुनर दिखाए। फीणी, तिल के लड्डू व दाल की पकौड़ी लोगों को परोसी गई। दिनभर चले इस आयोजन में कांग्रेस, भाजपा के नेता और शहर के गणमान्य लोग पतंगबाजी के लिए पहुंचे। उधर, सिटी पैलेस में शनिवार को भी पतंग उत्सव मनाया गया। सिटी पैलेस घूमने आए पर्यटकों ने पतंगें उड़ाई तो रियासतकालीन पतंगों और चरखियों को देखकर रोमांचित हो उठे। लोक कलाकारों के साथ पर्यटकों ने भी लोकगीतों पर ठुमके लगाए।