High Court

जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने तृतीय श्रेणी अध्यापक भर्ती-2017 के लेवल द्वितीय के विज्ञान- गणित विषय के शिक्षक पदों के लिए अलग अलग मेरिट बनाकर नियुक्ति देने को कहा है। इसके साथ ही अदालत ने दोनों विषयों की सामान्य मेरिट को गलत माना है। न्यायाधीश वीएस सिराधना की एकलपीठ ने यह आदेश सतीश कुमार की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए।

याचिका में अधिवक्ता विज्ञान शाह ने अदालत को बताया कि राज्य सरकार ने पूर्व में दिए अदालती आदेश की पालना में गत 29 अगस्त को पंचायती राज नियम, 1996 में संशोधन कर संबंधित विषय के शिक्षक पद के लिए अभ्यर्थी के पास स्नातक व रीट में संबंधित विषय की अनिवार्यता लागू की थी। इसके बाद गत 11 सितंबर को विज्ञान-गणित विषय के 927 पदों के लिए भर्ती निकाली गई। याचिका में कहा गया कि भर्ती विज्ञापन में विज्ञान और गणित विषय के लिए अलग-अलग विषयों की पात्रता तय की गई, लेकिन दोनों विषयों को एक पद मानकर ही चयन किया गया। जिसके चलते ऐसे अभ्यर्थियों का भी चयन हो गया जिनके पास 12वीं, स्नातक और बीएड में गणित विषय नहीं था।

इसका विरोध करते हुए राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि चयनीत अभ्यर्थियों के पास रीट में गणित-विज्ञान विषय था। ऐसे में वे चयन के पात्र हैं। दोनों पक्षों को सुनने के बाद एकलपीठ ने दोनों विषयों की एक मेरिट बनाने को गलत मानते हुए अलग अलग मेरिट बनाने के आदेश दिए हैं।

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