नयी दिल्ली। आधार को लोगों के हित में ‘अपरिवर्तनीय बदलाव’ लाने में मददगार बताते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि विशिष्ठ पहचान संख्या, बेनामी संपत्ति के खिलाफ लड़ाई में एक बड़ा हथियार बनेगा । मोदी ने कहा कि सस्ता राशन, स्कॉलरशिप, दवाई का खर्च, पेंशन, सरकार की तरफ से मिलने वाली सब्सिडी, गरीबों तक पहुंचाने में आधार की बड़ी भूमिका है। आधार के साथ मोबाइल और जनधन अकाउंट की ताकत जुड़ जाने से एक ऐसी व्यवस्था का निर्माण हुआ है, जिसके बारे में कुछ साल पहले तक सोचा भी नहीं जा सकता था। एक ऐसी व्यवस्था जो अपरिवर्तनीय है। ‘हिन्दुस्तान टाइम्स लीडरशिप समिट 2017’ को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले तीन वर्षों में आधार की मदद से करोड़ों फर्जी नाम सिस्टम से हटाए गए हैं। अब तो बेनामी संपत्ति के खिलाफ भी ये एक बड़ा हथियार बनने जा रहा है। उन्होंने कहा कि आधार को मोबाइल और जन धन खातों को जोड़ने की व्यवस्था के बारे में पहले कोई सोचता नहीं था। पहले पेंशन के फर्जी खातों पर धन भेजे जाते थे लेकिन आधार ने पारदर्शिता लाने में मदद पहुंचायी है ।नोटबंदी का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि नोटबंदी के बाद देश में व्यवहारात्मक बदलाव आया है। आजादी के बाद पहली बार भ्रष्ट लोग अवैध धन को लेकर भयभीत हैं । बड़ी बात ये भी है कि बैंकिंग सिस्टम में वापस आया ये पैसा अपने साथ सबूत भी लाया है। देश को जो डेटा मिला है, वो किसी खजाने से कम नहीं है।
उन्होंने कहा कि इसी डेटा की जांच परख से पता चला है कि हमारे देश में एक ही पते पर चार से पाँच सौ कंपनियां चल रही थीं और एक-एक कंपनी ने दो-दो हजार बैंक खाते खुलवाए हुए थे। ये अजीब विरोधाभास नहीं था क्या ? एक तरफ गरीब को बैंक में एक अकाउंट खुलवाने में दिक्कत आती थी और दूसरी तरफ एक कंपनी आसानी से हजारों खाता खुलवा लेती थी। मोदी ने कहा कि नोटबंदी के दौरान इन खातों में भी जो हेर-फेर किया गया, वो पकड़ में आ रहा है। अब तक ऐसी लगभग सवा दो लाख कंपनियों को रजिस्टर से हटाया जा चुका है। इन कंपनियों के निर्देशकों की जिम्मेदारी थी कि ये कंपनियां सही तरीके से काम करें, अब उनकी भी जिम्मेदारी तय की गई है। उनके अब किसी और कंपनी में निदेशक बनने पर रोक लगा दी गई है। उन्होंने कहा कि ये एक ऐसा कदम है, जो हमारे देश में स्वस्थ और स्वच्छ कॉरपोरेट संस्कृति को और मजबूत करेगा। जीएसटी लागू होना भी देश की आर्थिक स्वच्छता के लिए महत्वपूर्ण कदम है। 70 वर्ष में जो व्यवस्था बन गई थी, कारोबार करने में जो कमजोरियां थीं, जो मजबूरियां थीं, उन्हें पीछे छोड़कर देश अब आगे बढ़ चला है। प्रधानमंत्री ने कहा कि जीएसटी से भी देश में पारदर्शिता का एक नया अध्याय शुरू हुआ है। ज्यादा से ज्यादा व्यापारी भी इस ईमानदार व्यवस्था से जुड़ रहे हैं।